लॉक डाउन: यहां लागू हो सकता है ऑड-ईवन फॉर्मूला

भोपाल
एमपी (MP) लॉक डाउन (lockdown) 4 के लिए तैयार दिख रही है. अगर देश में 18 मई से लॉकडाउन 4 लागू होता है तो इसका खाका भी मोटे तौर पर तैयार कर लिया गया है. इस बार राहत के तौर पर कुछ ज़िलों में दुकानें और बाज़ार खोलने के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला (Odd-even formula) भी अपनाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आज मंत्रिमंडल के सदस्यों ने अपने-अपने प्रभार वाले संभागों में कलेक्टर्स से इस पर चर्चा की. लॉक डाउन जारी रखें या नहीं इस पर फीडबैक लिया. सबने अपने-अपने ज़िले के हालात के मुताबिक सुझाव दिए.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल और उज्जैन संभाग के कलेक्टर्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इंदौर और सागर संभाग और गोविंद सिंह राजपूत ने ग्वालियर चंबल संभाग के प्रशासनिक अफसरों से फीडबैक लिया. मंत्री मीना सिंह ने रीवा, शहडोल और कमल पटेल ने जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के अफसरों से बात की.

इंदौर संभाग के कलेक्टरों ने लॉक डाउन 31 मई तक बढ़ाने का सुझाव दिया है. कंटेनमेंट एरिया में पूरी तरह लॉक डाउन और ग्रीन जोन वाले इलाकों में गतिविधियां शुरू करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. इंदौर और उज्जैन संभाग में कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा है. नरोत्तम मिश्रा को भोपाल और उज्जैन संभाग के कलेक्टरों ने लॉक डाउन में धीरे धीरे छूट देने का सुझाव दिया है. कुछ जिलों ने ऑड ईवन फॉर्मूला अपनाने का भी सुझाव सरकार को दिया है. इसके तहत एक दिन शहर के एक इलाके और दूसरे दिन दूसरे इलाके के बाजार खोलने और बंद रखने की बात कही गई है. हालांकि ग्रीन जोन वाले जिलों में गतिविधियों को सामान्य तौर पर जारी रखने और आर्थिक गतिविधियां तेज करने का सुझाव दिया गया है. ग्रामीण इलाकों में उद्योग इकाइयों को शुरू करने का सुझाव भी बैठक में आया है.

मंत्रियों के फीडबैक के बाद राज्य सरकार रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज रही है. राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार लॉक डाउन बढ़ाने या कम करने पर फैसला लेगी. पीएम मोदी पहले ही संकेत दे चुके हैं की लॉक डाउन 4.0 का स्वरूप अबकी बार अलग होगा और 18 मई से पहले राज्यों के सुझाव पर केंद्र सरकार फैसला करेगी.

कई जिलों में प्याज खरीदी को लेकर अनुमति जारी करने की भी मांग उठी. खेती आधारित उद्योग शुरू करने की मांग कलेक्टरों ने रखी है. सरकार ने माना है कि कुछ इलाकों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की इजाज़त होना चाहिए.

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