लॉकडाउन में मंहगे शौक ने चार लड़कों को बना दिया चोर
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रायपुर। लॉकडाउन के बीच मंहगे शौक ने चार लड़कों को चोर बना दिया इसलिए कि वे फिल्म देखते और उसका अनुसरण करने के लिए पैसे कहां से आए इसलिए चोरी करना शुरू कर दिया। इन लड़कों ने हाइटेक चोरों का गैंग बना लिया। गैंग का मास्टर माइंड नाबालिग है। चारों का कोई क्राइम रिकार्ड नहीं है, लेकिन सभी इतने शातिर हैं कि कभी एक दूसरे से बात करने मोबाइल का उपयोग नहीं किया। उन्हें मालूम था पुलिस मोबाइल से ट्रेस कर लेती है। पुलिस को चकमा देने के लिए वॉकी टॉकी खरीदा और उसी से आपस में बात की। लॉकडाउन के 100 दिनों में 8 सूने फ्लैट में चोरी की।
लाखों के जेवर और नगदी मिल जाने के बाद थ्री बीएचके फ्लैट किराये पर लिया और वहां रोज पार्टी करने लगे। महंगी बाइक, कपड़े और कीमति घडिय़ों में जमकर पैसे लुटाए। कैश खत्म होने के बाद एक सराफा दुकान में सेंधमारी की कोशिश की और वहीं उनसे चूक हो गई। फुटेज के रूप में अपना क्लू छोड़ दिया। पुलिस उसी क्लू के सहारे चोरों तक पहुंच गई। चोर गिरोह में दो नाबालिग और दो बालिग हैं। लॉकडाउन में आठ मकानों में चोरी के दौरान 10 लाख के जेवर और कैश उनके हाथ आए।
11-12वीं में पढ़ाई करने वाले हिमालयन हाइट और देवरी के 17 साल के दो नाबालिग और अमलीडीह का शुभम सेन व रोहित मुखर्जी फिल्मों से बहुत प्रभावित हैं। वे फिल्मी सितारों की तरह जैसे खाना-पीना, पहनना और पार्टी करना चाहते हैं। उनके पास इसके लिए पैसे नहीं थे। घर से भी उन्हें उतने पैसे नहीं मिल पाते थे। अपने शौक को पूरा करने के लिए हिमालयन हाइट के 17 साल के नाबालिग उन्होंने देखा कि लॉकडाउन में ज्यादातर मकानों में ताले लगे हैं, तब उन्होंने हिमालयन हाइट जहां मास्टर माइंड नाबालिग का घर है वहीं पड़ोस में चोरी की।
पहली चोरी में उन्हें 50 हजार कैश और जेवर मिले। 15 दिनों तक सभी शांत रहे, पुलिस की ओर से जब कोई हलचल नहीं हुई तो उनका हौसला बढ़ गया। उसके बाद उन्होंने वहीं हिमालयन हाइट के तीन मकान में चोरी की। वहां उन्हें 6 लाख से ज्यादा का माल मिला। उसके बाद उन्होंने मान लिया कि अब वे पकड़े नहीं जाएंगे और इसी तरह प्लानिंग से चोरियां करते रहेंगे। इसी सोच से उन्होंने लाभांडी के रहेजा टावर में थ्री बीएचके फ्लैट किराए पर लिया। वहीं रहने लगे और यहां रोज पार्टियां भी होती थी।
पुलिस को उन्होंने बताया कि वे रात में 2 बजे घर से निकलते और सूने मकान या फ्लैट का ताला कटर से काटते थे। कहीं भी चोरी के लिए तीन साथी अंदर जाते थे और एक बाहर रहकर निगरानी करता था। आपस में बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी का उपयोग करते थे। उन्होंने चोरी में उपयोग करने के लिए आॅनलाइन वॉकी-टॉकी मंगाया था। पैसा खत्म होने पर उन्होंने चंगोराभाठा और भाठागांव के दो मकान में चोरी की। उसके बाद भाठागांव की सराफा दुकान में सेंध लगाने की कोशिश की। वहां वे सफल नहीं हो पाए और एक लड़का सीसीटीवी फुटेज में आ गया अर यहीं से वे पुलिस की जद में आ गए।