लॉकडाउन में परेशान हो रहे मजदूर पैदल ही रवाना हो रहे अपने घर, महासमुंद में 230 को रोका

महासमुंद
कोरोना महामारी से निपटने देश में 21 दिन का लॉक डाउन है. लॉकडाउन का आज 9वां दिन है. इन 9 दिनों में लॉकडाउन के चलते काम बंद हैं और इसका नुकसान मजदूर वर्ग को भी उठाना पड़ रहा है.  अब पैसों और रहने के अभाव के चलते मजदूर महानगरों से अपने घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. अकेले महासमुंद जिले में प्रशासन ने ऐसे सफर करने वाले दूसरे प्रांतों के 230 मजदूरों को रोका है. जिनके रूकने की व्यवस्था के साथ उनका चिकित्सीय परीक्षण और भोजन की व्यवस्था की गई है. इन सभी मजदूरों को गांवों से दूर सीमा क्षेत्रों में बने स्कूलों और छात्रावासों में रोका गया है.

महासमुंद जिला पड़ोसी राज्य ओडिशा के साथ प्रदेश की राजधानी रायपुर औऱ पड़ोसी जिला गरियाबंद और बलौदाबाजार से लगा हुआ है. जहां से लॉकडाउन होने के बाद रोजाना मजदूर वर्ग के लोगों की आवाजाही लगी हुई है. कई मजदूर सड़क के रास्ते पहुंच रहे हैं तो कइयों ने रेलवे ट्रैक को ही अपना रास्ता बना लिया है. चूंकि महासमुंद जिला पूरी तरह से लॉकडाउन है, जहां बिना अनुमति के ना कोई अंदर आ सकता है और ना ही बाहर जा सकता है. ऐसे में कोरोना कंट्रोल का अमला और पुलिस विभाग लगातार ऐसे लोगों पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है. जिसके तहत ओडिशा सीमा से लगे सरायापाली क्षेत्र में 137 मजदूरों को छुईपाली और सरायपाली के छात्रावास में रोका गया है.

इनमें से 129 आंध्रप्रदेश से राजस्थान और 8 लोग महाराष्ट्र से झारखंड जा रहे थे तो वहीं खरियार रोड ओड़िसा से लगे बागबाहरा क्षेत्र में 58 मजदूरों को रोका गया है. जिनमें से 52 मजदूर राजस्थान, 4 नागपुर और 2 यूपी के है. इसी तरह से महासमुंद जिला मुख्यालय में भी 35 मजदूरों को रोका गया है जो ओड़िसा, एमपी और प्रदेश के अन्य जिलों से है. इन सभी का पहले प्रशासन ने मेडिकल चेकअप कराया है, जिसमें किसी भी मजदूर से कोई खतरा नहीं होना पाया गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सभी को जब तक लॉक डाउन खत्म नहीं होता तब तक के लिए रोककर रखा गया है. मजूदर  अपनी दशा का हाल बताते हुए पैदल घर की ओर चलने के अलावा कोई रास्ता नहीं होने की बात कर रहे हैं. रायपुर से ओड़िसा जा रहा मजदूर सत्या यादव ने बताया कि वह रायपुर में लेबर मजदूरी का काम छोपरा नाले के पास करता था, लेकिन पहले कर्फयू और फिर लॉकडाउन के कारण उसका काम बंद हो गया. सुपरवाइजर ने कहा कि काम बंद हो गया है तुम लोग एडजेस्ट कर लो, जिसके बाद एक दो दिन देखे उसके बाद पैदल हम अपने घर के लिए निकल पड़े.

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