लॉकडाउन में चीनी मिल ने 600 कर्मियों को निकाला, मचा हड़कंप

सीतामढ़ी

बिहार के सीतामढ़ी जिले के रीगा चीनी मिल की मनमानी चरम पर है. मिल प्रबंधन ने रविवार देर शाम बिना कोई सूचना के सभी कामगारों को 2 महीने के लिए काम से हटा दिया है. लॉकडाउन के दौरान लिए गए इस निर्णय से कामगारों में हड़कंप मच गया है. प्रबंधन की ओर से 11 मई से 11 जुलाई तक सभी तरह की सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. करीब 600 कामगारों को 2 महीने के लिए बाहर रास्ता दिखा दिया गया है.

चीनी मिल प्रबंधन की मनमानी से कामगारों के सामने विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं, इस मामले की जानकारी कामगारों को सोमवार सुबह हुई जब वे लोग ड्यूटी के लिए चीनी मिल पहुंचे. उन्होंने देखा कि मेन गेट पर ताला लगा हुआ था और चार पन्नों में नोटिस चिपकाया गया था.

इसके बाद यूनियन नेता के नेतृत्व में सभी कामगार चीनी मिल के मुख्य गेट के पास हंगामा करने लगे. करीब एक घंटे तक कामगार हंगामा करते रहे, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया और ना ही कोई एक्शन लिया गया. इसे रीगा मील वर्कर्स यूनियन ने बहुत बड़ा अन्याय बताते हुए मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, गन्ना मंत्री के अलावा जिला पदाधिकारी को पत्र भेजकर तत्काल कदम उठाने की मांग की.

कामगारों ने कहा कि लॉकडाउन में बच्चे और परिवार कैसे रहेंगे. करीब 3 महीने से वेतन का भी भुगतान नहीं हो सका है. इस संदर्भ में पूछे जाने पर प्रबंधन की ओर से कोई भी माकूल जवाब देने को तैयार नहीं है.

वहीं, जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन को हुई तो श्रम विभाग के अधिकारी को मिल के पास भेजा गया, लेकिन मिल प्रबंधन का दुस्साहस ये कि मिल का दरवाजा तक नहीं खोला गया.

श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि बिना प्रशासनिक सूचना के मिल की ये कार्रवाई अवैध है. 13 मई को एक बैठक श्रम कार्यालय में आयोजित की गई है, जिसको लेकर एक चिट्ठी मिल प्रबंधन को रिसीव कराने आए थे, लेकिन मिल का दरवाजा ही नहीं खोला गया. हालांकि मिल प्रबंधन को लेटर जारी कर दिया गया है.

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