लॉकडाउन में चली गई नौकरी और खत्म हुए पैसे तो खुला अपहरण का राज 

 रामपुर

यूपी के रामपुर में एक अजीबों-गरीब केस सामने आया है। यहां एक मां ने  छेड़छाड़ और मारपीट के मुकदमे से बचाने के लिए बेटे के अपहरण की झूठी कहानी रच दी।18 महीने से अपहृत बताए जा रहा युवक नोएडा में चुपचाप नौकरी कर रहा था। लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद होने के बाद पैसे खत्म हुए तो घर लौट आया। उसके घर आते ही पुलिस ने मां-बेटे दोनों को गिरफ्तार कर लिया। 

यह है पूरा मामला : 

मामला रामपुर के कोतवाली क्षेत्र के कूप गांव का है। गांव निवासी युवती ने तीन दिसंबर वर्ष 2018 को छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि विरोध करने पर आरोपी जुगल सिंह उर्फ सूर्य प्रताप सिंह और उसकी मां ने मारपीट की, जिससे उसके भाई के सिर में चोट आई थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर लिया था। इसके बाद मां ने युवती द्वारा दर्ज कराए गए छेड़छाड़ के मुदकमे से बचाने के लिए जुगल को बाहर भेज दिया। इसके बाद बेटे के अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। जुगल की तलाश में पिछले लगभग डेढ़ साल से भटक रही पुलिस ने शुक्रवार को पटवाई रेलवे क्रासिंग के पास से उसे बरामद कर लिया और बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में पेश किया।
 
अपहृत बताए गए जुगल सिंह ने पुलिस को बताया कि छेड़छाड़ के मुदकमे को वापस कराने को लेकर उसकी मां ने ही उसके अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। मां की योजना के अनुसार वह चुपचाप घर से चला गया और पहले सिरौली में रिश्तेदारी में रहा। इसके बाद मौसी की लड़की के घर और फिर मौसी के घर पर रहा। वहीं से मजदूरी करने के लिए नोएडा चला गया। इस दौरान मजदूरी से पैसे जुटाए और किराए पर कमरा लेकर वहीं रहने लगा। लॉक डाउन की वजह से जब काम बंद हो गया तो वह अपने साथ रह रहे मित्र के घर चला गया। वहां पैसे खत्म होने के कारण वह घर लौट आया। जुगल के अपहरण के आरोप में उसकी मां ने छेड़छाड़ की शिकायत करने वाले परिवार के लोगों को ही आरोपी बना दिया। पुलिस लगातार उन्हें परेशान करने लगी और जुगल के बारे में पूछताछ करने के बहाने कोतवाली बुलाती रही। पीड़ित परिवार 18 महीने से लगातार थाने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटता रहा।

पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा

एसएसआई बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित जुगल सिंह के खिलाफ युवती के साथ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है। युवक और उसकी मां ने युवती के परिजनों को फंसाने के लिए झूठी कहानी रच कर उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। अपहृत बताए गए युवक की मां छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराने वालों पर झूठे मुकदमे के जरिये दबाव बनाना चाहती थी, जिससे वह मुकदमा वापस ले लें। उन्होंने बताया कि जुगल को छेड़छाड़ के मामले में फरारी के आरोप में गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले में अपहरण का मुकदमा झूठा पाया गया है, उसे एक्सपंज कर आरोपियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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