लॉकडाउन: आर्थिक सहायता राशि जरूरतमंद और छोटे मंदिरों के पुजारियों तक नहीं पहुंची, पुजारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट

भोपाल
लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने मठ मंदिरों को सहायता राशि की घोषणा तो की है, लेकिन आर्थिक सहायता राशि जरूरतमंद और छोटे मंदिरों के पुजारियों तक नहीं पहुंच रही है. छोटे मंदिरों के पुजारियों ने सरकार से ऐसे पुजारियों का सर्वे कराने की मांग की है जिनको आर्थिक सहायता की सख्त जरूरत है. साथ ही रजिस्टर्ड ना होने वाले पुजारियों तक मदद पहुंचाने की भी मांग की है.

मंदिरों के पुजारी लॉकडाउन के दौरान पूजा-पाठ ना होने से परेशान हैं. पुजारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन से पहले छोटे मंदिरों के पुजारी घर-घर जाकर और मंदिरों में पूजा-पाठ कर गुजर-बसर किया करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. पुजारियों ने मांग उठाई है कि प्रदेशभर में जो भी रजिस्टर्ड पुजारी नहीं है उनका जिला कलेक्टर के माध्यम से सर्वे कराया जाए ताकि प्रदेश के साथ ही भोपाल में गली मोहल्ले और कॉलोनियों में रहने वाले पुजारियों तक सही तरीके से मदद पहुंच सके.

पुजारियों का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी परेशानी है कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद की जो घोषणा की है वह केवल रजिस्टर्ड मठ मंदिरों और बड़े-बड़े पुजारियों तक ही पहुंच रही है. ऐसे में जरूरतमंद पुजारियों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है सरकार को उन पुजारियों की रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत है. भोपाल में छोटे मंदिरों के करीब 15 से 20,000 ऐसे पुजारी हैं जो रोज पूजा पाठ कर परिवार चलाते हैं. वहीं सामान्य वर्ग में होने के चलते राशन और दूसरी मदद भी नहीं मिल पा रही है. बीते दो महीनों से परिवार के सामने अब गुजर-बसर करने का संकट खड़ा हो गया है. सरकार से गुजारिश है कि जल्द से जल्द मंदिरों में पूजा-पाठ की अनुमति दी जाए.

छोटे मंदिरों के पुजारी और पंडित घर घर जाकर अनुष्ठान और पूजा पाठ कर गुजारा करते हैं. नवरात्रि, वट सावित्री जैसे त्यौहारो पर मंदिर बंद होने से मुश्किलें बढ़ गयी हैं. शादियां भी लॉकडाउन में कम होने से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

जनता कर्फ्यू के बाद कोरोना महामारी के चलते देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक मंदिर बंद हैं. मंदिरों में लोगों के आने पर प्रतिबंध है तो वहीं पुजारी मंदिर के अंदर ही भगवान की पूजा अर्चना और पूजा पाठ कर रहे हैं. पुजारियों की मांग है कि जिस तरह से दूसरे संस्थानों को खोलने की अनुमति दी गई है, उसी तरह से पुजारियों के हितों को भी ध्यान में रखकर सरकार को मंदिरों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए ताकि छोटे और जरूरतमंद पुजारियों का भी गुजर बसर हो सके.

प्रदेश सरकार ने पुजारियों की परेशानी को देखते हुए 08 करोड़ की सहायता राशि की घोषणा की है. प्रदेश भर के रजिस्टर्ड मठ मंदिरों और पुजारियों को 8 करोड़ की सहायता राशि लॉकडाउन अवधि के दौरान गुजर-बसर के लिए सरकार ने देने की घोषणा सीएम शिवराज सिंह ने की है.

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