लूसी विल्स को याद कर रहा Google Doodle, भारत से था इनका खास रिश्ता

 
नई दिल्ली

Google आज अंग्रेज हीमेटॉलजिस्ट Lucy Wills के 131वें जन्मदिन को एक कलरफुल Doodle के जरिए सेलिब्रेट कर रहा है। गूगल ने अपने इस डूडल में लूसी विल्स को लैबरेटरी में काम करते हुए दिखाया है। इसमें लूसी के टेबल पर ब्रेड के कुछ पीस और चाय का कप भी नजर आ रहा है। लूसी को दुनियाभर में prenatal (प्रसवपूर्व) अनीमिया की रोकथाम के लिए किए गए महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए जाना जाता है।
लूसी का जन्म साल 1888 में इंग्लैंड में हुआ था। 1911 में लूसी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से बॉटनी और जिऑलजी में डिग्री हासिल की। 1914 में विश्व यूद्ध के शुरू होने पर लूसी ने केप टाउन में नर्स के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। यहीं से उनका मेडिसिन की तरफ रुझान बढ़ गया। केप टाउन से लंदन वापस आने पर उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ मेडिसिन फॉर विमिन से अपनी मेडिकल डिग्री प्राप्त की।
लूसी का भारत से भी गहरा रिश्ता रहा है। साल 1928 में लूसी भारत दौरे पर थीं। यहां वह मुंबई के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करने वाली गर्भवती महिलाओं को हो रहे गंभीर अनीमिया की जांच के लिए आई थीं। जांच पर उन्होंने पाया कि इन वर्कर्स को हो रही इस बीमारी के पीछे खराब आहार सबसे बड़ी वजह है। इसी कारण इन महिलाओं मैक्रोसाइटिक अनीमिया जैसी गंभीर बीमारी हो रही है। माइक्रोसाइटिक अनीमिया के कारण गर्भावस्था में रेड ब्लड सेल्स का साइज नॉर्मल से काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
एक्सपेरिमेंट के दौरान लूसी ने चूहों और बंदरों में अनीमिया रोकने के लिए उनके खाने में yeast(खमीर) का प्रयोग किया। इस एक्सपेरिमेंट से उन्हें सकारात्मक परिणाम मिले। खाने में मिलाए गए यीस्ट एक्सट्रैक्ट को बाद में फॉलिक एसिड के नाम से जाना गया। इस एक्सपेरिमेंट को 'Wills Factor' के नाम से जाना जाता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए फॉलिक एसिड का इस्तेमाल अब आम हो गया है। इसके साथ ही प्रसवपूर्व होने वाले अनीमिया को रोकने के लिए आयरन और विटमिन बी12 का भी इस्तेमाल किया जाता है।
लूसी विल्स ने इसके बाद अपनी बाकी की जिंदगी यात्रा और गर्भवती महिलाओं की सेहत और आहार के रिसर्च में लगा दी। लूसी का निधन 16 अप्रैल 1964 को हुआ।

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