लीची से हुई बच्चों की मौत? बिहार सरकार ने दिए जांच के आदेश

 
बिहार 

बिहार में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से लगातार हो रही बच्चों की मौतों के मद्देनजर इसका लीची से संबंध होने की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रेम कुमार ने शुक्रवार को जांच के आदेश दिए कि क्या लीची फल के सेवन से मौतें हो रही हैं।  

मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और बागवानी अधिकारियों का एक दल प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा। उन्होंने कहा कि यह व्यापक रूप से माना जा रहा है कि एईएस के मुजफ्फपुर जिले में प्रकोप के पीछे के एक कारणों में लीची हो सकती है। बता दें कि मुजफ्फरपुर में बीते 20 दिनों में 136 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। 

एईएस का प्रकोप सामान्य तौर पर गर्मी के मौसम में लीची की फसल की दौरान होता है। हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर यह पुष्टि नहीं हुई है कि वायरस का कारण फल है। देश में मुजफ्फरपुर लीची के लिए मशहूर है। 

एईएस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय 
उधर, एईएस से बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने के बीच इस बीमारी के कारणों को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी कहते हैं, कई लोग इसके लिए लीची के सेवन को जिम्मेदार बताते हैं। मैं कई वर्षों से ऐसे मरीजों को देख रहा हूं और यह अत्यधिक गर्मी और उमस के कारण होती है। 

वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व में इंडियन असोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स के बिहार चैप्टर का नेतृत्व कर चुके अरुण शाह का कहना है, 'यदि गर्मी और आर्द्रता मुख्य कारक हैं तो ऐसा क्यों है कि ज्यादातर बच्चों में इसके लक्षण सुबह विकसित होते हैं। 

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