लद्दाख के सांसद बोले, जो नेहरू ने नहीं दिया वह मोदी ने कर दिखाया

नई दिल्ली
लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले का लद्दाख के बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग ने खुले दिल से स्वागत किया और उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख की जनता 71 सालों से इसकी मांग कर रही थी। यह मांग तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू के सामने रखी गई थी लेकिन वह मांग सात दशक बाद अब पूरी हुई। उन्होंने कहा कि करगिल के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए वोट किया था। सेरिंग के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष की तरफ से खूब मेजें बजीं। लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनके भाषण की प्रशंसा की। बिरला ने कहा कि पहली बार सदन में चुनकर आए इस सांसद को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

सेरिंग ने जम्मू-कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला होने के दावे पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेता अधीर रंजन को भी लताड़ा और कहा कि सरकार के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले से लद्दाख के लोग काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से सिर्फ दो परिवारों की रोजी-रोटी जाएगी और कश्मीर का भविष्य उज्जवल होगा।

जामयांग सेरिंग ने कहा, 'यूपीए ने कश्मीर को 2011 में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी दी, जम्मू में लड़ाई लड़ी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी हासिल कर ली। मैं स्टूडेंट यूनियन का लीडर था। लद्दाख में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग की गई लेकिन हमें नहीं मिली।' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हाल ही में हमें यूनिवर्सिटी दी। उन्होंने आगे कहा, 'मोदी है तो मुमकिन है। कुछ लोग चिंतित हैं कि उनका झंडा चला गया। उन्हें बता दूं कि लद्दाख के लोगों ने 2011 में ही वह झंडा हटा दिया था। लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डिवेलपमेंट काउंसिल ने उसी समय प्रस्ताव पारित करके उसे हटा दिया था क्योंकि हम भारत का अटूट अंग बनना चाहते थे।'

सेरिंग ने कहा, '71 साल तक लद्दाख को बिल्कुल नहीं अपनाया गया। हमलोगों ने पहले कहा था कि हमें जम्मू-कश्मीर के साथ नहीं रखा जाए किन्तु हमारी सुनवाई नहीं हुई, जिससे हमारा विकास नहीं हुआ। मैं करगिल से आता हूं, और मैं गर्व से कहता हूं कि हमने यूनियन टेरिटरी के लिए वोट किया।'

उधर, सेरिंग को अपने भाषण के लिए पीएम और लोकसभा अध्यक्ष दोनों की शाबाशी मिली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'उन्होंने सेरिंग के भाषण का विडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'मेरे युवा दोस्त, जामयांग सेरिंग नामग्याल जिन्होंने जम्मू-कश्मीर पर महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बेहतरीन भाषण दिया। उन्होंने लद्दाख के हमारे भाइयों और बहनों के महात्वाकांक्षा को सुसंगत तरीके से पेश किया। उनके भाषण को सुना जाना चाहिए।'

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