लता जी के बारे में क्या कहते हैं ये तीन जाने माने दिग्गज

मुंबई
 28 सितंबर को पाश्र्वगायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) 90 साल की हो गई हैं। इस अवसर पर हम यादों की गलियारों में जाते हैं और उनके द्वारा गायी गईं तीन अलग-अलग युगों से तीन गानों का चयन करते हैं, जिससे हमें भारत रत्न पुरस्कार विजेता की बहुमुखी प्रतिभा के बारे में पता चले। इन गानों से जुड़े संगीत की दुनिया के दिग्गजों ने लता के साथ के अनुभव को साझा किया है।

फिल्म 'सिलसिला'(1981) का उनका एक गाना, 'ये कहां आ गए हम' इसके गीतकार जावेद अख्तर ने बताया, "मैंने यश चोपड़ा की फिल्म 'सिलसिला' से गाना लिखना शुरू किया और मेरा पहला गाना जिसे रिकॉर्ड किया गया वो था 'ये कहां आ गए हम'। इस गाने को लता जी ने आवाज दी थी। पहली बार गीत लिखने वाले गीतकार के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था। गीत के लिए लता जी ने जो किया वह बेहतरीन के किसी भी वर्णन से काफी ऊपर था। एक बार एक संगीत विशेषज्ञ ने मुझसे कहा था कि 'सुर कितने भी बारीक हों, उसका दो सटीक केंद्र बिंदू है उसे लता जी ही गाती हैं।"'

'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995) का गाना 'तुझे देखा तो ये जाना सनम' के कंपोजर ललित पंडित ने कहा, "हम सबने इसे महसूस किया। शब्दों में कुछ जादू था। लता जी ने गाने में जादू ला दिया था। मुद्दा तो यह था कि उनके साथ काम करना खुद हमारे लिए ऐतिहासिक पल था। उनके द्वारा गाना गाने का अर्थ था कि उन्होंने लाखों संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया। डीडीएलजे का गाना लता जी के लिए बहुत खास था। मुझे याद है उन्हें गाने का ट्यून काफी पसंद था, उन्होंने ट्यून के कैसेट भी हमसे मंगवाए थे, ताकि वे उसे सुनकर सहज हो जाएं। जब वह रिकॉर्डिग के लिए आई तब वह पूरी तैयारी के साथ आई थीं और वे उस गाने को इतनी ऊंचाई पर ले गई, जिसके बारे में हमने सोचा भी नहीं था।"

रिकॉडिर्ंग के बाद वह हमें बधाई देने के लिए स्टूडियो के मॉनिटरिंग क्यूबिकल में आई, ऐसा उन्होंने पहली बार किया था और हम यह देख कर अवाक थे।

फिल्म 'जूली' (1975) का गाना 'भूल गए सब कुछ' के कंपोजर राजेश रोशन ने कहा, "मैंने तय कर रखा था कि फिल्म के टाइटल गाने को लता जी ही गाएंगी। तब मैं इस जगत में नया था। लताजी को मैं बचपन से जानता था। लेकिन औपचारिक परिचय कभी नहीं हुआ।

गीत पर लता जी के साथ काम करना, मेरे लिए दो बड़े फायदे थे। एक यह कि उन्हें हमेशा से पता रहता है कि गाने में कहा कौन से सुर डालने हैं और कहा रुकना है। दुनिया में कोई दूसरा गायक नहीं है जो ऐसा कर सकता है। काश उन्होंने गायकों को पढ़ाया होता।"

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