लड़कियों ने कूदकर बचाई जान, चीखें सुनकर टूटी नींद, दिल्ली के गर्ल्स हॉस्टल में सूरत जैसा हादसा

 नई दिल्ली 
सूरत के कोचिंग सेंटर में भीषण अग्निकांड के करीब एक हफ्ते बाद बुधवार को दिल्ली में भी ऐसा बड़ा हादसा होने से टल गया। जनकपुरी में एक रिहायशी बिल्डिंग में चल रहे कावेरी गर्ल्स हॉस्टल में आग लगने से 50 लड़कियां फंस गईं। सभी ने दरवाजे और खिड़कियों के शीशे तोड़कर जान बचाई। कुछ ने तो पहले फ्लोर से छलांग लगा दी थी। घटना मंगलवार तड़के करीब 3:30 बजे हुई, जब सभी सो रही थीं। बाद में दमकल ने करीब आधे घंटे में आग पर काबू पाया। 5 लड़कियों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया। आग बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी, जो पूरी इमारत में फैल गई। 
 
चीखें सुनकर टूटी नींद, धुएं से घुट रहा था दम 
'मैं हॉस्टल के अपने रूम में सो रही थी। अचानक चीखने की आवाजें सुनकर नींद टूटी। कमरे का गेट खोला तो बाहर धुआं नजर आया। मैं कुछ समझ नहीं पाई। फिर कॉरिडोर में सामने वाले कमरे में गई और वहां से खिड़की से नीचे कूदकर जान बचाई।' हॉस्टल में आग के बाद किसी तरह खुद को बचाने वाली लड़की के चेहरे पर हालात साफ झलक रहे थे। 

एक और लड़की ने बताया कि वह भी फर्स्ट फ्लोर पर रहती है। नींद धुएं के कारण टूटी। सामने कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। सांसें घुटने लगी थीं। हॉस्टल के रास्ते समझ नहीं आ रहे थे। लड़की का हाथ एक दरवाजे की तरफ गया। वह एक कमरा था। वहां कुछ लड़कियां दिखाई दीं जो खिड़की से कूद रही थीं। वह भी उनके साथ कूद गई। ये वो खुशकिस्मत लड़कियां थीं, जिनके कमरे की खिड़की मेन डोर की ओर थी। इससे उन्हें लोगों की भी मदद मिल गई और चोट भी नहीं आई। इन लड़कियों को जनकपुरी के आर्या अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां 6 लड़कियों को लाया गया था। 2 को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया, जबकि 4 लड़कियों को ऐडमिट किया गया, क्योंकि उन्हें उल्टियां हो रही थीं। 

'दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट करूंगा बेटी को' 
घायल लड़कियों में से एक के पिता ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की चिंता हो रही है। अब वह आसपास कोई दूसरा हॉस्टल देखेंगे, जहां बेटी को शिफ्ट कर सकें। बेटी यहां रहेगी तो चिंता होगी। हालांकि पहले उन्हें कभी कोई शिकायत नहीं मिली। उन्होंने बताया कि जब आग लगने की खबर मिली तो वह घबरा गए थे। उन्हें सूरत हादसा याद आ गया था, इसलिए वह बिना देर किए रेवाड़ी से दिल्ली पहुंचे। 

मीटर के सब मीटर तो नहीं शॉर्ट सर्किट की वजह? 
कावेरी हॉस्टल में लगी आग की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है। इसी वजह से पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है। लेकिन इस आग की वजह मीटर के सब मीटरों को बताया जा रहा है। बीएसईएस के सूत्रों के अनुसार, उनकी जांच में 10 से 12 सब मीटर लगे होने की बात सामने आ रही है। यह मीटर बिल्डिंग मालिक ने अपनी तरफ से लगाए थे। इनका डिस्कॉम से लेना-देना नहीं है। इन्हीं की वायरिंग में कुछ लीकेज हुई होगी, जिसकी वजह से आग लगी। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस एरिया में काफी इंस्टिट्यूट हैं। इनमें रेवाड़ी, धारूहेड़ा, मानेसर समेत हरियाणा के कई इलाकों स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। सभी यहीं आसपास के हॉस्टल और पीजी में रहते हैं। पूरे एरिया में इसी तरह के पीजी-हॉस्टल बने हुए हैं। इन्हें लेकर अभी तक किसी तरह के नियम नहीं है। इसका फायदा यहां के लोग उठाते हैं। 
इसलिए लगाते हैं सब मीटर 
सब मीटर मकान मालिक अपनी तरफ से लगाते हैं ताकि कमरों के हिसाब से बिजली का चार्ज लिया जा सके। इन सब मीटर की फिटिंग भी लोकल इलेक्ट्रिशन से करवाई जाती है। हालांकि इस तरह के सब मीटर को अवैध बताया जाता है। सब मीटर की वायरिंग आदि को भी मकान मालिक चेक नहीं कराते। इसे शार्ट सर्किट की आशंका बनी रहती है। प्लॉट या फ्लैट के लिए टू फेस में 11 किलोवॉट तक का मीटर आसानी से मिल सकता है। हर फ्लोर पर बिजली कनेक्शन भी डिस्कॉम देती है। वहीं, कमर्शल मीटर 35 किलोवाट से शुरू होते हैं। 

ज्यादा कमरे बनाने के लिए लगाई थी लकड़ी 
कावेरी हॉस्टल में जगह बचाने और अधिक कमरे बनाने के लिए लकड़ियों का खूब इस्तेमाल किया गया था। इसकी वजह से आग और धुआं तेजी से बढ़ता गया। हॉस्टल अंदर से पूरी तरह गैस चैंबर बन गया। 

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