रेलवे ने श्रमिक स्पेशल के नियम को बदला, अब ज्यादा संख्या में चलेंगी ट्रेनें

नई दिल्ली

इंडियन रेलवे ने यात्रियों के लिए अच्छी खबर दी है. अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्रालय को किसी भी राज्य की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी और फैसला लेने का पूरा अधिकार रेल मंत्रालय के पास होगा. इससे फैसले के बाद अब रेलवे को राज्यों की अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और केंद्र ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें चला सकेगा, जिसमें पहले के मुकाबले ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे.

दरअसल, अभी तक होता ये आया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए दोनों राज्यों की सहमति का होना जरूरी था. यानी जिस राज्य से प्रवासी चलेंगे उस राज्य को जिस राज्य में प्रवासी लौटना चाहते हैं उसकी सहमति लेनी होती थी और ट्रेन के प्रस्थान से पहले इसकी एक कॉपी रेलवे को उपलब्ध करानी होती थी. इससे राज्यों की आनाकानी के कारण ज्यादा संख्या में ट्रेनें नहीं चल पाती थीं.

लेकिन अब केंद्र ने फंसे हुए प्रवासी मजदूरों और उनके गृह राज्यों के बीच परिवहन को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी किया है. इस SOP के तहत राज्य प्रभारी अधिकारियों को चिह्नित करेगा और प्रवासियों को भेजने या लाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा.

रेलवे गृह मंत्रालय से सलाह लेकर करेगा फैसला

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने संशोधित एसओपी जारी करते हुए कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति रेलवे मंत्रालय गृह मंत्रालय के साथ परामर्श कर देगा. इसके लिए राज्यों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने प्रभारी अधिकारियों को नामित करेंगे और फंसे हुए लोगों को भेजने या उनके आने पर जरूरी इंतजाम करेंगे.

नए नियमों के मुताबिक गंतव्य और रुकने वाले स्टेशन समेत ट्रेनों की समय-सारिणी पर अंतिम फैसला रेल मंत्रालय करेगा और वह इसकी जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देगा ताकि ऐसे फंसे हुए मजदूरों को भेजने या लाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा सकें.

अब ज्यादा स्टेशन पर रुकेंगी ट्रेनें

अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का ज्यादा स्थानों पर रुकना सुनिश्चित करेगा. इससे पहले स्पेशल ट्रेनें कहां रुकेंगी, ये फैसला भी राज्य सरकारें के हाथ में था और वो बहुत कम स्टेशनों पर ट्रेनों को रुकने की अनुमती देती थीं.

एसओपी के मुताबिक भेजने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तथा रेल मंत्रालय सुनिश्चित करेंगे कि सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच हो. साथ ही सिर्फ उन्हीं यात्रियों को ट्रेन में सवार होने दिया जाए, जिनमें कोरोना वाले लक्षण न हों.

यात्रियों को मानना होगा प्रोटोकॉल

ट्रेन में सवार होने और सफर के दौरान, सभी यात्रियों को सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा. अपने राज्यों में पहुंचने पर यात्रियों को उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश द्वारा बनाए गए स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

अफवाह न फैले इसके लिए उठाएं कदम

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, 'बसों एवं ट्रेनों के प्रस्थान के बारे में और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए क्योंकि स्पष्टता के अभाव में और अफवाहों के चलते श्रमिकों में बेचैनी देखी गई है. प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की खास जरूरतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा सकता है.' उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी पैदल चल रहे मजदूरों को परिवहन के माध्यम उपलब्ध कराकर पास के बस अड्डे या रेलवे स्टेशन तक भेज सकते हैं.

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