रेलवे के इंजीनियरों ने दौड़ाया दिमाग, कम लागत में बनाया सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन
रायपुर
कोरोना संकट के बीच रेलवे ने एक बढ़िया काम किया है. डीजल लोको शेड रायपुर रेल मंडल के इंजीनियरों द्वारा कोरोना से बचाव के लिए एक ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई गई है. रायपुर रेल मंडल के कर्मचारियों ने अपने दफ्तरों में हैंडवॉश के लिए ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन तैयार की है. कम लागत में तैयार इस मशीन को छूए बीना ही हाथों को सैनिटाइज किया जा सकता है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कार्यालयों वर्कशॉप और रेलवे यूनिटों में कार्यरत कर्मचारियो द्वारा हैंड सैनिटाइजर, मास्क सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रेल परिचालन से संबंधित गतिविधियां संपादित की जा रही है. रायपुर रेल मंडल कार्यालय में बिना हाथ टच किए हैंड सैनिटाइजिंग सिस्टम लगाया गया है.
इसी कड़ी में रायपुर रेल मंडल के डीजल लोको शेड में कार्यरत वीके त्रिपाठी सीनियर सेक्शन इंजीनियर, आर रवि कुमार सीनियर सेक्शन इंजीनियर, एलसी गेदाम एमसीएम ने आत्मनिर्भरता की ओर एक प्रायोगिक प्रयास करते हुए बहुत ही कम लागत में निर्मित बिना हाथ टच किए सैनिटाइजर उपकरण बनाया है. वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर डीजल लोको शेड डी. सतपथी ने बताया कि इसकी लागत लगभग ₹2500 है. जबकि मार्केट में प्रचलित तथा शासकीय अनुमोदित सामग्री बिक्री पोर्टल "जेम" पर ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर मशीन लगभग 09 से 13हजार की लागत के हैं.
यह ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजिंग डिस्पेंसर मशीन फोटो डायोड सेंसर के सिद्धांत पर कार्य करती है जिसमें जब कोई ऑब्जेक्ट डायोड की रेंज में आता है तो डायोड से लगा परिपथ स्विच ऑन हो जाता है. परिपथ में लगा सबमर्सिबल पंप ऑपरेट होकर टैंक में रखे सैनिटाइजर को पाईप तथा नोजल के द्वारा ऑब्जेक्ट पर स्प्रे कर देता है. इसी प्रकार ऑब्जेक्ट के सेंसर की रेंज से हटते ही सेंसर परिपथ स्विच ऑफ हो जाता है.
मंडल रेल प्रबंधक श्याम सुंदर गुप्ता ने भी डीजल शेड के सेक्शन इंजीनियरों द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की है. रायपुर रेल मंडल के सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद ने बताया कि डीजल लोको शेड रायपुर रेल मंडल के इंजीनियरों द्वारा बीना छूए हैंड सैनिटाइज़ करने वाला ये उपकरण बाजार में मिलने वाले उपकरणों से कम लागत में बनाया गया है. अब रेलवे कर्मचारी इसका उपयोग कर रहे हैं.