रिपोर्ट में दावा- जितने बताए, उससे आठ गुना, चीन ने छुपाए कोरोना मरीजों के आंकड़े?

चीन
चीन में 6,40,000 कोरोनो वायरस केस हो सकते हैं, जो कि उसके आधिकारिक आंकड़े 82,000 से काफी अधिक है. ये उस साझा रिपोर्ट में कहा गया है, जो फॉरेन पॉलिसी मैगजीन और ‘100Reporters’ में प्रकाशित हुई है. ‘100Reporters’ वाशिंगटन स्थित गैर मुनाफे के आधार पर चलाया जाने वाला न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशन है. इन संगठनों को डेटा, चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी से कथित तौर पर लीक हुआ बताया जाता है. इस डेटा में अस्पतालों के स्थान, अपार्टमेंट कंपाउंड्स से जुड़ी जगहों के नाम, होटल, सुपरमार्केट, रेलवे स्टेशन, रेस्तरां और देशभर में फैले स्कूलों के कवर होने का दावा किया गया है.

‘100Reporters’ ने लिखा है, "डेटा जबकि पूरी तरह से व्यापक नहीं है, लेकिन अविश्वसनीय रूप से समृद्ध है. इसमें जानकारी के 6,40,000 से अधिक अपडेट्स हैं, जो कम से कम 230 शहरों को कवर कर रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो 6,40,000 पंक्तियां उस वक्त पर खास जगहों के केस की संख्या कथित तौर पर दिखा रही हैं, जिस वक्त ये डेटा इकट्ठा किया गया.” फरवरी के शुरू से लेकर अप्रैल के आखिर तक डेटा के हर एक अपडेट में जगहों से जुड़े अक्षांश, देशांतर और पुष्ट केसों की संख्या शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक डेटा में महामारी के एपिसेंटर रहे हुबेई प्रांत के वुहान में और आसपास की जगहों के मौतों और रिकवरी की संख्या भी शामिल हैं.

हालांकि, डेटासेट में उन व्यक्तियों के नाम शामिल नहीं हैं, जो बीमारी से संक्रमित हुए. रिपोर्ट से जुड़े दोनों संगठन स्वतंत्र रूप से इसकी प्रमाणिकता को सत्यापित नहीं कर सके. दोनों की ओर से कहा गया, "फॉरेन पॉलिसी और 100Reporters, जो इस नोट का सह-प्रकाशन कर रहे हैं, सुरक्षा कारणों से अभी डेटाबेस को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के फैलाव की स्टडी करने वाले रिसर्चर्स के लिए डेटा उपलब्ध कराने के तरीके तलाश रहे हैं." दोनों समाचार आउटलेट्स के मुताबिक चीनी मिलिट्री डेटा साझा करने की संवेदनशीलता से जुड़े होने की वजह से लीक के सोर्स ने अपनी पहचान नहीं खोलने के लिए कहा है.

चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी की ओर से देश में कोरोन वायरस के केसों पर एक संस्करण प्रकाशित किया जाता रहा है, जो अब ऑफलाइन है. चीन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है. लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विदेशी मीडिया आउटलेट्स से "निष्पक्ष" रिपोर्टिंग के लिए कहा है. प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, "Covid-19 के खिलाफ जीतने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी है कि सभी मीडिया दुनिया भर में पेशेवर नैतिकता के साथ विज्ञान और तर्क का पालन करें, तथ्यों और सच्चाई से चिपके रहें और निष्पक्षता और संतुलन के लिए प्रतिबद्ध हों.”
 
विशेषज्ञों की राय
स्वतंत्र विशेषज्ञों का मानना है कि इस विषय में और आगे जांच से ही सच्चाई का पता चल सकता है. हार्वर्ड टी. एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े महामारी वैज्ञानिक डॉ एरिक फिएगी-डिंग ने कहा, "यह पूरी तरह से संभव है कि यह लोकेशन ट्रैकिंग डेटा है, और इस प्रकार एक संक्रमित केस की एक से अधिक पंक्ति हो सकती हैं. (प्रत्येक पंक्ति एक ही केस की विभिन्न लोकेशन से जुडी हो सकती है). या कुछ संदिग्ध केस हो सकते हैं. और परिवार के सदस्य भी ट्रैक किए गए हो सकते हैं. हमें और अधिक सीखने की जरूरत है, लेकिन यह अच्छा है कि फॉरेन पॉलिसी ने इसे उजागर किया है.” दोनों संगठनों ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक जानकारी से शोधकर्ताओं को बीमारी के बारे में अधिक जानने का मौका मिलेगा. साथ ही उन्हें ये भी पता चलेगा कि बीजिंग नंबर्स में हेरफेर के लिए कौन से तरीके अपनाता है?

चीन का आधिकारिक डेटा

इससे पहले पिछले महीने चीन ने एक ही दिन में वुहान में कोरोना वायरस से संबंधित मौतों की संख्या में 50% की वृद्धि की. इससे उसके आधिकारिक कोरोना वायरस डेटा के बारे में संदेह उत्पन्न हुआ. न्यूज आउटलेट्स ने ये खुलासा नहीं किया कि क्या लीक हुए डेटासेट में और चीन में कोरोना वायरस से जुड़ी मौतों की संख्या अलग-अलग है. चीन ने आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस के 82,919 केसों के साथ 4,633 मौतों की पुष्टि की है.

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