राहुल गांधी दिल्ली में आखिरी क्षणों तक गठबंधन की जता रहे उम्मीद, केजरीवाल बोले- अब मुमकिन नहीं
नई दिल्ली
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना अब पूरी तरह खत्म हो गई है। एनबीटी ने खास बातचीत में AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल से पूछा कि क्या नामवापसी तक कुछ हो सकता है? इस पर उन्होंने किसी भी संभावना से इनकार किया। केजरीवाल ने साफ कहा कि राहुल गांधी गठबंधन करना ही नहीं चाहते और वह मोदी विरोधी वोटों को बांटने का काम कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले राहुल ने ट्वीट किया कि हम आपको 4 सीट देने को तैयार हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि दुनिया में कौन-सा गठबंधन इस तरह ट्विटर पर या मीडियाबाजी से हुआ है। गठबंधन करना होता तो बात करते। कांग्रेस को गठबंधन नहीं करना, बस दिखावा करना है। इस चुनाव में हमारा मकसद किसी भी तरह मोदी-शाह की जोड़ी को वापस आने से रोकना है। इसलिए हमने गठबंधन पर बात शुरू की थी। हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में मिलाकर 18 सीटें हैं।
केजरी बोले, हरियाणा में गठबंधन होता तो बीजेपी 8 सीटें हारती
AAP सुप्रीमो ने कहा कि आज कांग्रेस के टॉप लीडर भी मान रहे हैं कि हरियाणा में सब बीजेपी जीत रही है। अगर गठबंधन कर लेते तो हरियाणा में कम से कम 8 सीटें और चंडीगढ़ की सीट बीजेपी हारती। अब कांग्रेस कह रही है कि सिर्फ दिल्ली में कर लो। ये वह तीन सीटें भी हमसे लेकर बीजेपी को गिफ्ट करना चाहते हैं। दिल्ली में हम सातों सीटों पर अच्छी टक्कर में हैं तो फिर हम इनसे सिर्फ दिल्ली में गठबंधन क्यों करें? केजरीवाल ने कहा कि हम संघर्ष से निकली पार्टी हैं, हम सातों सीटों पर लड़कर बीजेपी को हराएंगे।
'पहले शर्तें रखते फिर सहमति बनती तो मुकर जाते कांग्रेसी'
यह पूछने पर कि AAP सिर्फ दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन होने की स्थिति में 5-2 (आप-कांग्रेस) सीटों के फॉर्म्यूले पर तैयार थी? केजरीवाल ने कहा कि हम सिर्फ दिल्ली के लिए 5-2 पर भी कभी तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि बातचीत शुरू हुई थी 33 सीटों से। गोवा, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली। कांग्रेस ने कहा पंजाब को बाहर कर दो, फिर कहा गोवा को बाहर कर दो। फिर 18 सीटें बची। उस पर अगर गठबंधन होता तो कांग्रेस को दिल्ली की तीन सीटें मिलती। इन तीन सीटों पर बीजेपी जीत जाती लेकिन हम बाकी 15 सीटों पर बीजेपी को बाहर रख सकते थे।