राहुल की पसंद का होगा पीसीसी चीफ!
भोपाल
कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अपने पद से इस्तीफा देने की मांग के बाद प्रदेश में भी उहापोह जारी है। सोमवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सीएम कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। वहीं, तमाम कोशिशों के बाद भी राहुल ने अपना फैसला बदलने से मना कर दिया है। इस बीच प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। मंत्रियों और विधायकों के बीच असमंजस क स्थिति उतपन्न हो गई है।
दूसरी ओर भाजपा लगातार कांग्रेस की छह महीने पुरानी सरकार गिरने की बात कह रही है। वहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से कांग्रेस नेता भी बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायकों को भी खुद इस बात का भरोसा कम है कि सरकार पूरे पांच साल करने में कामयाब होगी या नहीं। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने अपने वचनपत्र पर काम करते हुए काफी काम किया लेकिन पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उसकी रफ्तार धीमी हो गई है। इसके कई कारण बताए जा रहे हैं। एक तो अब तक प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं होना। वहीं, दूसरा है कैबिनेट विस्तार का फैसला एक बार फिर टल जाना।
मुख्यमंत्री के इस्तीफे देने की बात से प्रदेश कांग्रेस में हलचल हो गई है। हाल ही में कांग्रेस में ताबड़तोड़ इस्तीफे हुए हैं। अब कांग्रेस नेताओं में भी सीएम के इस्तीफे की बात के बाद से असमंजस पैदा हो गया है। यही नहीं अफसरों में भी सरकार को लेकर काफी असमंजस बन गया है। सरकार की स्थिरता को लेकर अफसर अब मंत्रियों के निर्देशों को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं। जिस वजह से मंत्री और अफसरों में मनमुटाव की स्थिति बन रही है। पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की पसंद का होगा। लेकिन हाल ही में राहुल गांधी ने छग में सीएम भूपेश बघेल की पसंद को दरकिनार करते हुए मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अब अटकलें हैं कि एमपी में भी कुछ ऐसा होना संभव है। इस बीच बीजेपी इस पूरे घटनाक्रम पर निगाहें गड़ाए बैठी है। वह सही सम का इंतजार कर रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के अंतरिक झगड़ों के कारण सरकार खुद ही गिर जाएगी।