राहुल का डैमेज कंट्रोल, कहा- कश्मीर भारत का आंतरिक मामला

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का विरोध कर रही कांग्रेस अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। कश्मीर दौरे को लेकर हुई जबरदस्त आलोचना के बाद पार्टी अब सतर्क हो गई है और सरकार के कदमों को सपॉर्ट करती दिख रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज साफ किया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें पाकिस्तान या किसी दूसरे देश के दखल देने की कोई जगह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान प्रयोजित है।

राहुल ने ट्वीट कर कहा-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला
कश्मीर पर चौतरफा घिरी कांग्रेस के रुख में इसे बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कई मुद्दों पर इस सरकार से असहमति रखता हूं। लेकिन, मैं एक चीज साफ कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आतंरिक मुद्दा है और पाकिस्तान या दुनिया के किसी देश के लिए इसमें दखल देने की कोई जगह नहीं है।'

राहुल ने एक और ट्वीट कर कहा, 'जम्मू-कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान प्रायोजित है जो पूरी दुनिया में आतंकवाद का समर्थन के रूप में कुख्यात है।'

कश्मीर पर राहुल के ट्वीट पर हुआ था विवाद
बता दें कि कश्मीर दौरे से लौटाए गए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें उस बर्बरता का अहसास हुआ जिसको कश्मीरी झेल रहे हैं। राहुल के इस बयान का पाकिस्तान ने इस्तेमाल भी करने लगा। उनके ट्वीट को वहां की न्यूज वेबसाइट प्रमुखता से दिखा रहे थे। वहीं पाकिस्तान के मंत्री तक राहुल को इजाजत न मिलने को मुद्दा बना रहे हैं। कश्‍मीर में हालात को लेकर पाकिस्‍तान का मीडिया और इमरान सरकार के मंत्री फर्जी खबरों के आधार पर दुष्‍प्रचार कर रहे हैं। राहुल 12 विपक्षी दलों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर गए थे जहां उन्हें हवाईअड्डे पर उतरते ही रोक लिया गया और दिल्ली वापस भेज दिया था।

बीएसपी ने साधा था निशाना
बीएसपी चीफ मायावती ने भी विपक्षी दलों के नेताओं की इस हरकत पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कांग्रेस को इसके लिए घेरा था।

प्रियंका गांधी ने भी किया था विरोध
प्रियंका ने कश्मीर के माहौल पर एक विडियो के साथ ट्वीट किया था, ‘कब तक यह चलता रहेगा? यह लाखों लोगों में एक हैं, जिन्हें चुप करा दिया गया और राष्ट्रवाद के नाम पर कुचल दिया गया।’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘विपक्ष पर जो लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं, कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों को ताक पर रखने से ज्यादा कुछ भी राजनीतिक या राष्ट्रदोह नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘यह हम सबका कर्तव्य है कि हम इसके खिलाफ आवाज उठाएं । हम ऐसा करने से नहीं रुकेंगे।’

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