राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने NRI समुदाय से कहा, ‘ब्रेन-ड्रेन’ को ‘ब्रेन-गेन’ में बदलें

 
वाराणसी

 भारत में अभूतपूर्व पैमाने पर जारी बदलावों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों से कहा कि वह देश की समृद्धि की कहानी का हिस्सा बनें और अतीत में हुए ‘ब्रेन-ड्रेन (प्रतिभा पलायन)’ को वर्तमान के ‘ब्रेन-गेन (प्रतिभा प्राप्ति)’ में बदलें। वाराणसी में आयोजित 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के तीसरे और अंतिम दिन अपने समापन भाषण में कोविंद ने कहा कि वर्तमान भारत अरबों विचारों और अवसरों की धरती है। उन्होंने कहा कि भारत विदेशों में बसे अपने लोगों के साथ कैसे संबंध रखता है इसमें पिछले कुछ वर्षों में बहुत बदलाव आया है।

कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने 1.30 अरब लोगों को 3.1 करोड़ प्रवासी भारतीयों के साथ जोड़ने में बहुत मेहनत की है। मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की मौजूदगी में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अभूतपूर्व बदलावों से गुजर रहा है और उसकी कहानी समेकित विकास की कहानी है।

राष्ट्रपति ने विश्व मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ, नॉर्वें के सांसद हिमांशु गुलाटी और दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक अनिल सूकलाल सहित 30 लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान दिया। इन 30 में से गोपीनाथ सहित 3 लोग सम्मान लेने के लिए उपस्थित नहीं थे। इसमें 28 लोगों के अलावा दो संस्थानों.. गुएना हिन्दू धार्मिक सभा और मिस्र की भारतीय सतुदाय एसोसिएशन को भी सम्मानित किया गया। समापन समारोह में आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक महाशक्ति बनकर उभर रहा है। स्वराज ने कहा कि आयोजन सफल रहा है और यह पूर्ववर्ती संस्करणों के मुकाबले बहुत बड़ा है।

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