प्रियंका गांधी के आने से यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन, BJP को होगा नुकसान

 लखनऊ 
कांग्रेस ने आखिरकार उत्तर प्रदेश में अपना ट्रंप कार्ड चलते हुए प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतार दिया है। पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका को सौंपी गई है और उन्हें कांग्रेस महासचिव भी बनाया गया। प्रियंका के राजनीति में आने से विपक्षी खेमे में भी हलचल नजर आने लगी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका की एंट्री से एसपी-बीएसपी गठबंधन और बीजेपी दोनों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में बीजेपी और एसपी-बीएसपी गठबंधन अपनी रणनीति फिर से तैयार करने को मजबूर होंगे।  
 
केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरेगा 
राजनीति के जानकारों का कहना है कि प्रियंका के राजनीति में आने का प्रभाव सभी पार्टियों पर दिखेगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और केंद्र की सत्ता में आने के लिए किसी भी पार्टी के लिए यूपी महत्वपूर्ण प्रदेश है। प्रियंका की एंट्री एसपी-बीएसपी गठबंधन को ही नहीं बीजेपी को भी प्रभावित कर सकती है। 
 
कांग्रेस संगठन में चलेगा प्रियंका का जादू!
प्रियंका में पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं आम लोग भी उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका की एंट्री का ऐलान कुछ देर से किया गया। इसके बाद भी कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका की मास अपील का फायदा पार्टी को मिल सकता है। प्रियंका के व्यक्तित्व में एक खास किस्म का आकर्षण है और उनकी ऊर्जा पार्टी काडर में जोश भरने का काम करेगी। दादी इंदिरा गांधी से मिलते व्यक्तित्व के कारण माना जा रहा है कि अपर कास्ट वोटिंग ट्रेंड में भी कुछ परिवर्तन हो सकते हैं। 

बीजेपी की चिंता अपर कास्ट वोट बैंक में सेंध लगने की 
80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में मुख्य चुनौती एसपी-बीएसपी के लिए मुस्लिम वोट बैंक को अपने साथ जोड़े रखना है। अगर कांग्रेस मुस्लिम वोट को अपने साथ जोड़ने में सफल रही तो फिर यही ट्रेंड ब्राह्मण और एससी वोटों में भी दिख सकता है। बीजेपी की प्रमुख चिंता है कि ब्राह्मणों के वोट कांग्रेस के खाते में जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को पारंपरिक तौर पर बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। उत्तर प्रदेश में अपर कास्ट वोट बैंक न फिसले, इस चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चिंता यही है। 

बीजेपी ने प्रियंका की एंट्री पर साधा निशाना 
बीजेपी के नेताओं ने इसे परिवारवाद करार देते हुए प्रियंका की एंट्री से राजनीति में कोई असर नहीं पड़ने की बात कही है। बीजेपी ने कहा, 'देश की सबसे पुरानी पार्टी को अपने अध्यक्ष पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की क्षमता पर ही भरोसा नहीं है।' बीएसपी ने लखनऊ में अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। 
 

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