राष्ट्रपति ट्रंप और रक्षा मंत्री एस्पर में सेना तैनाती को लेकर मतभेद

वॉशिंगटन
अमेरिका में अश्‍वेत नागरिक जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद भड़की हिंसा को रोकने के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और रक्षामंत्री मार्क एस्‍पर के बीच ठन गई है। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना की तैनाती का विरोध किया है। इससे पहले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सड़कों पर सेना की तैनाती की धमकी दी थी।

एस्पर ने बुधवार को देश में सड़कों पर प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना का पूरी तरह इस्तेमाल करने की ट्रंप की चेतावनियों से दूरी बना ली। एस्पर ने कहा, 'कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना की तैनाती अंतिम विकल्प के रूप में की जानी चाहिए। साथ ही, बेहद जरूरी और आपात स्थिति में सेना का प्रयोग करना चाहिए।' राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि अगर राज्य के गवर्नर हिंसा नहीं रोक सके तो वह सभी उपलब्ध सैन्य बलों का इस्तेमाल करेंगे।

जिम मैटिस ने राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तुलना नाजी से की
हालांकि, एस्पर ने पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वॉशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैनिकों को घर भेजा जाएगा। उधर, अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तुलना नाजी से की है। उन्हें देश को बांटने वाला अमेरिका का पहला राष्ट्रपति करार दिया है। मैटिस ने प्रदर्शनों को दबाने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की।

मैटिस ने कहा कि ट्रंप सेना और नागरिक समाज के बीच गलत ढंग से संघर्ष पैदा कर रहे हैं। मैटिस ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने साथी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए किसी भी परिस्थिति में सेना को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'डॉनल्ड ट्रंप मेरे जीवन में पहले राष्ट्रपति हैं, जो अमेरिकी लोगों को एकजुट करने की कोशिश नहीं करते। यहां तक कि कोशिश का दिखावा भी नहीं करते। वह बांटने की कोशिश करते हैं।' उधर, मैटिस के बयान पर ट्रंप ने जवाब देते हुए उन्हें अहंकारी जनरल जैसा बताया।

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