राम माधव बोले- सोनिया को भारतीय से शादी करने पर मिली नागरिकता, नहीं पूछा गया धर्म

बेंगलुरु
नागरिकता संशोधन कानून पर छिड़ी जंग के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि हम धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भारतीय से शादी करने पर यहां की नागरिकता मिली. क्या किसी ने उनका धर्म पूछा. ये कानून इतना साफ है, लेकिन विवाद को पैदा किया गया. कई लोगों की मौत हुई. सरकार ने अपने उद्देश्यों का विवरण भी जारी किया.

राम माधव ने कहा कि भारत में 4 तरीके से नागरिकता मिलती है. जन्म, नैचुरलाइजेशन या देशीकरण, जो शरण लेने चाहते हैं और अब नागरिकता संशोधन कानून. उन्होंने कहा कि इसमें तीन पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता मिलेगी . ये नागरिकता लेने का कानून नहीं है. कोई भी मुस्लिम भारत की नागरिकता ले सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ मानदंडों को पूरा करने की जरूरत होती है.

राम माधव ने कहा कि साल 1972 में युगांडा में तानाशाह आदि अमीन का राज था. उसने सभी बाहरी मूल के लोगों को बाहर फेंक दिया . उनमें से ज्यादातर गुजराती लोग थे. कुछ लोग लंदन चले गए और फिर भारत आ गए. इंदिरा गांधी ने उस वक्त उनकी सहायता की. किसी ने कुछ नहीं कहा. भारत में इस्लाम धर्म का अलग-अलग 72 समुदाय रहते हैं. पाकिस्तान जब इस्लामिक रिपब्लिक बना तो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होने लगा.

राम माधव ने कहा कि मुजीबुर्रहमान एक धर्म निरपेक्ष देश चाहते थे लेकिन उनकी मौत के बाद बांग्लादेश इस्लामिक देश में बदल गया. नागरिकता कानून अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है. बांग्लादेश के मौजूदा हालात अल्पसंख्यकों के लिए ठीक नहीं हैं. एनआरसी पूरी तरह से सीएए से अलग है. पहला एनआरसी पहली जनगणना से सामने आएगा. एनपीआर की शुरुआत यूपीए सरकार ने 2010 में की थी.

जहां नागरिकता कानून को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं बीजेपी नागरिकता कानून को कैंपेन के तौर पर विकसित कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में ट्विटर कैंपेन की शुरुआत भी कर दी है.

#IndiaSupportsCAA हैशटैग से पीएम मोदी ने कैंपेन की शुरुआत करते हुए लिखा, 'भारत सीएए का समर्थन करता है, क्योंकि सीएए सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में है. यह किसी की नागरिकता लेने के बारे में नहीं है. नमो ऐप पर सीएए से जुड़े कई दस्तावेज, वीडियो और कंटेंट हैं. आप इसके समर्थन में अभियान चलाएं.'

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