राफेल जेट, अपाचे हेलिकॉप्टर, भारतीय वायुसेना के बेडे़ में जल्द शामिल होंगे अभेद्य हथियार

 
नई दिल्ली 

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक कर भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत का एहसास पूरी दुनिया को करा दिया। आने वाले दिनों में वायुसेना की ताकत कई गुना और बढ़ने जा रही है। वायुसेना जब आसमान की बुलंदी पर होगी तो दुश्मन भारत के एयरस्पेस का उल्लंघन करने से पहले कई दफा सोचेगा। वायुसेना को 36 राफेल फाइटर जेट मिलने हैं जिससे दो स्क्वॉड्रन बनेंगी। एक स्क्वॉड्रन अंबाला में तो दूसरी बंगाल के हाशिमारा में। सितंबर में फ्रांस भारतीय वायुसेना को पहला राफेल विमान सौंप सकता है। इसके बाद राफेल फाइटर जेट पर वायुसेना के फाइटर पायलटों की ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी। राफेल के साथ ही अपाचे अटैक  
अपाचे हेलिकॉप्टर से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत 
अगले महीने इसकी पहली स्क्वॉड्रन पठानकोट में बनाई जाएगी। कुल 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर वायुसेना में शामिल होंगे। इसके अलावा 15 चिनूक हेलिकॉप्टर भी एयरफोर्स को मिल जाने से दुर्गम इलाकों में जाना आसान होगा। अभी 4 चिनूक हेलिकॉप्टर वायुसेना को मिल चुके हैं और पहली स्क्वॉड्रन चंडीगढ़ में बनी है। 
 
साथ ही एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने और सामरिक क्षमता मजबूत करने के लिए एस-400 मिसाइल सिस्टम लेने का भी समझौता हुआ है। एस-400 सतह से हवा में मार करने में सक्षम रूस की अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है। भारत और रूस के बीच इस प्रणाली की खरीद के लिए पिछले साल अक्टूबर में समझौता हुआ है। 

चिनूक हेलिकॉप्टर 
चिनूक हेलिकॉप्टर की मदद से सेना की टुकड़ियों और युद्ध से जुड़े हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मदद मिलेगी। इससे दुर्गम इलाकों में सड़क बनाने के काम में मदद मिल सकती है। अभी तक वायुसेना के पास सिंगल रोटर इंजन वाले हेलिकॉप्टर हैं जबकि चिनूक में दो रोटर इंजन हैं। यह बेहद घनी पहाड़ियों में भी सफलतापूर्वक काम कर सकता है। छोटे हेलीपैड पर भी आसानी से लैंड कर सकता है। 
 

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