राज्यों को प्रोत्साहन देने की भूमिका निभाए केन्द्र : केन्द्रीय योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़े

भोपाल

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि केन्‍द्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए केन्‍द्र प्रोत्साहन देने की भूमिका निभाए और केन्द्रीय योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी को बढ़ाए। कमल नाथ आज नई दिल्ली में वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम और भारतीय उद्योग परिसंघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंडिया इकोनॉमिक समिट के सत्र "यूनियन ऑफ़ स्टेट्स" को संबोधित कर रहे थे। चर्चा में पंजाब के मुख्यमंत्री तथा मेघालय, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

केन्‍द्र-राज्य संबंधों में केन्‍द्र सरकार की भूमिका पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि केन्‍द्र सरकार की भूमिका प्रोत्साहन देने वाली होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह बाधा डालने वाली सिद्ध हो रही है। केन्‍द्र की योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी 90:10 से घटकर 60:40 हो रही है। इसके कारण कोई आर्थिक गतिविधि शुरू नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार की भूमिका, राज्य सरकारों की क्षमता को सामने लाने की होनी चाहिए क्योंकि हर राज्य एक-दूसरे से अलग है और हर राज्य की अपनी विशेषताएँ हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक नीति आयोग की भूमिका का सवाल है, यह अनुसंधान और नीतियों के निर्धारण तक सीमित है। इसके पास कोई अधिकार नहीं हैं, जो पहले योजना आयोग के पास हुआ करते थे। जीएसटी सुधारों के संबंध में कमल नाथ ने इसे 'अप्रिय गाथा' कहा, जिसे ठीक से लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब तक जीएसटी नीति में लगभग तीन-चार सौ संशोधन किए जा चुके हैं। कमल नाथ ने जीएसटी परिषद के फैसलों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि इस विषय पर कोई बौद्धिक समझ नहीं थी। फैसले पूर्व निर्धारित थे। इसे लागू करने के तरीके अव्यवहारिक थे।

मजबूत शहरी अधोसंरचना और स्थानीय शासन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि भारत का शहरीकरण अगले दशक की सबसे बड़ी मानवीय घटना होगी। उन्होंने इस मुद्दे से निपटने के लिए टाउन प्लानर्स का बुनियादी बातों पर ध्यान देने के लिये आव्हान किया। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र अपनी क्षमता से अधिक विकसित हो रहे हैं। वर्तमान में शहरीकरण अपने-आप हो रहा है। उप-नगरीकरण इसका उपाय है । इन मुद्दों के समाधान के लिए नीतियों का निर्माण राज्यों में होना चाहिए। कमल नाथ ने कृषि में चुनौतियों के बारे में भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब अधिकता को सहेजने की समस्या का उत्तर खोजने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *