राजस्थान सरकार ने रिलीज की वो चिट्ठी, जिसमें थी बसों के किराए की बात

लखनऊ

राजस्थान के कोटा शहर से यूपी के छात्र-छात्राओं को घर ले जाने के लिए योगी सरकार ने कई बसें लगाई थीं. छात्रों की संख्या ज्यादा होने पर यूपी सरकार ने राजस्थान सड़क परिवहन निगम की बसों की मदद भी ली थी. अब उन्हीं बसों के किराए को लेकर विवाद चल रहा है. दरअसल यह विवाद भी प्रियंका गांधी की बस चलवाने अपील के बाद शुरू हुए विवाद से ही जुड़ा हुआ है.

बता दें कि राजस्थान-यूपी की सीमा पर कांग्रेस की तरफ से कई बसें पहुंचाई गई थीं. उनका दावा था कि यूपी की सड़कों पर पैदल चल रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए यह बसें मुफ्त चलाई जानी थीं. लेकिन इस बीच कोटा से यूपी लाई गई बसों का मुद्दा भी उठ गया. कांग्रेस पर यह आरोप लगाकर उसे घेरने की कोशिश की गई कि यूपी में तो वह मुफ्त बसें चलवा रही है जबकि राजस्थान से यूपी भेजी गई बसों के लिए पैसे लिए गए थे.

इसके बाद राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के अप्रैल की वह चिट्टियां जारी की हैं, जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से आपातकालीन सेवा के तहत बसें मांगी थीं. पत्र में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया था कि वो बसों का भुगतान देंगे. इसके अलावा यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश परिवहन की बसों में डीजल भरवा दें उसका वह भुगतान देंगे.

प्रियंका की इस अपील के बाद हुआ बस विवाद

लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर यूपी के बॉर्डर पर फंसे हैं. इन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव योगी सरकार को भेजा था. योगी सरकार ने इसे मंजूरी दी और बसों की पूरी सूची मांगी थी. इस सूची के आधार पर योगी सरकार की तरफ से कहा गया कि लिस्ट में शामिल बसों के नंबर टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर के भी हैं. सरकार के मुताबिक कई वाहनों के कागज भी नहीं थे.

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