रथयात्रा पर SC के फैसले से देश खुश है, फैसले का स्वागत- शाह

नई दिल्ली
ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथयात्रा को शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। इस मामले पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए कहा है कि आज का दिन पूरे देश के लिए खासकर ओडिया भाइयों, बहनों और महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के भक्तों के लिए एक विशेष दिन हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त रथयात्रा की अनुमति दे दी है। इससे पहले एससी ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते रथयात्रा के आयोजन पर रोक लगा दी थी।

अमित शाह ने किया फैसले का स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह उड़ीसा सरकार और मंदिर मैनेजमेंट ट्रस्ट पर रथयात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी छोड़ते हैं। इस पर खुशी जताते हुए अमित शाह ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए एक विशेष दिन है, विशेषकर हमारी ओडिया बहनों और भाइयों के साथ-साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के भक्तों का। रथयात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरा देश प्रसन्न है।

शाह ने की थी मंदिर के ट्रस्टियों से बातचीत
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर अनिश्चितता के बीच सोमवार को जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव से बात भी की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती ने बताया कि शाह ने वर्ष 1736 से अनवरत चल रही रथ यात्रा के साथ जुड़ी परंपरा पर चर्चा की।

शाह ने लिया ब्यौरा
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘भगवान जगन्नाथ के अनन्य भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गजपति महाराज से बात की ।’ मोहंती ने बताया, ‘मुझे आशा है कि उच्चतम न्यायालय इस साल पुरी में रथ यात्रा आयोजित करने की मंजूरी दे देगा ।’ उन्होंने कहा कि शाह ने उत्सव के साथ जुड़ी धार्मिक भावनाओं को लेकर भी देव के साथ बातचीत की। पुरी की रथ यात्रा में हर साल दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी रोक
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने पुरी रथ यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया है। शीर्ष अदालत ने अपने 18 जून के फैसले में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर पुरी में इस साल की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी।

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