येस बैंक केस: राणा कपूर को कोरोना का डर, लगाई जमानत अर्जी

 
नई दिल्ली 

कोरोना का कहर पूरी दुनिया में बरप रहा है और रोज लगातार लोग मारे जा रहे हैं. हर ओर खौफ का माहौल है, इस बीच मुंबई के एक जेल में कैद येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने अब कोरोना के नाम पर जमानत देने की गुहार लगाई है.
येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि वह जेल में रहते हैं, तो उन्हें कोरोना वायरस हो सकता है. वह इस समय नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद हैं और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई जांच के सिलसिले में जेल में रखा गया है. अपनी जमानत अर्जी में राणा कपूर ने दावा किया है कि उनकी चिकित्सीय स्थिति की वजह से उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर सता रहा है.

फेफड़े के संक्रमण की बीमारी से ग्रसित

राणा कपूर ने अपने वकील सुभाष जाधव के माध्यम से अपनी यह जमानत याचिका दायर की है. जमानत याचिका में कपूर ने दावा किया कि वह क्रॉनिक इम्यूनोडिफ़िशिएंसी सिंड्रोम से पीड़ित रहे हैं और इस कारण उन पर फेफड़ों के संक्रमण, साइनस और त्वचा संबंधी बीमारी के कारण संक्रमण का खतरा बना रहता है.

उन्होंने अपनी याचिका में कोर्ट को यह भी बताया वे पिछले डेढ़ साल से उच्च रक्तचाप, चिंता और अवसाद से पीड़ित हैं. इसके अलावा, राणा कपूर का कहना है कि उन्हें बचपन से ब्रोन्कियल अस्थमा भी है, जिसके कारण उन्हें फेफड़े में संक्रमण होने का बहुत अधिक खतरा है, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है.

बीमारी में सावधानीपूर्ण निगरानी जरूरी

जमानत अर्जी में उन्होंने कोरोना वायरस की वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए दावा किया कि उनके फेफड़े में गंभीर संक्रमण होने का खतरा है, जिससे उनकी कभी भी मौत हो सकती है. राणा कपूर 62 साल के हैं और जेल जाने से पहले वह वित्तीय जांच एजेंसी की हिरासत में रहे थे.

जमानत याचिका में उनकी ओर से यह भी कहा गया इन बीमारियों का सामना बेहद सावधानीपूर्वक निगरानी में किया जाता है और बीमारी पर नियंत्रण के लिए जरुरी होता है कि घर का बना खाना खाया जाए. अपनी याचिका में उन्होंने घर पर ही रहने की बात कही है. मामले की सुनवाई अगले हफ्ते सोमवार को होगी. कोर्ट ने जेल प्रशासन को उनके स्वास्थ्य की उचित देखभाल करने का भी निर्देश दिया है.
 

केंद्रीय जांच ब्यूरो को भी राणा कपूर के खिलाफ प्रोडक्शन वॉरंट मिल गया है और यस बैंक की ओर से डीएचएफएल को दिए गए 3700 करोड़ रुपये के मामले में उनको गिरफ्तार किए जाने की संभावना है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि राणा कपूर के परिवार को निवेश के लिए किकबैक के रूप में 600 करोड़ रुपये मिले थे.

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