यूरोपीय देश कोरोना को लेकर स्मार्ट लॉकडाउन अपना रहे   

 नई दिल्ली                                                                                                                                                                                
महामारी से निपटने के लिए यूरोपीय देश अब स्मार्ट लॉकडाउन अपना रहे हैं। इसमें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की जगह कुछ संक्रमित इलाकों में पाबंदियां लगाई जा रहीं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। जर्मनी, पुर्तगाल और इटली में इस मॉडल से संक्रमण रोकने में काफी मदद मिल रही है।

क्या है स्मार्ट लॉकडाउन
इस मॉडल को यूरोप के शीर्ष जीव विज्ञानियों, अर्थशास्त्रियों और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों ने मिलकर तैयार किया है। इसमें एक पखवाड़े में दस दिन लॉकडाउन और चार दिन काम करने की व्यवस्था है। उनके मुताबिक, यह चक्र हर संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूसरे लोगों तक संक्रमण फैलाने की संख्या (रैप्लीकेशन नंबर) को एक से कम कर देता है। अगर किसी को काम करते हुए संक्रमण हो भी जाए तो उनमें संक्रमण चरम तक तब पहुंचेगा जब वे लॉकडाउन में होंगे। इस तरह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलेगा। यह मॉडल आणविक सेल जीवविज्ञानी, अर्थशास्त्रियों और हेल्थ सिस्टम मैनेजर के एक समूह द्वारा विकसित किया गया। इसमें सरकार पर ज्यादा जिम्मेदारी है कि वह रैपिड टेस्ट व कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करके समय रहते संक्रमित इलाकों का पता लगाए ताकि वहां स्मार्ट लॉकडाउन लागू करके संक्रमण फैलने से रोका जा सके।   पर्यटन के लिए प्रसिद्ध कालाब्रिया जिले के कोरोना मुक्त घोषित हो चुके गांव सिनेकेफ्रॉन्डी व अन्य दो क्षेत्रों को लॉकडाउन किया गया है। इन क्षेत्रों में आवाजाही बंद रहेगी पर जरूरी कारोबारी गतिविधियों को मॉडल के हिसाब से चलाया जाएगा। इटली में अब तक 34 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं।  

कारोबारी गतिविधियां खोलने के बाद यहां गुटेरश्लो जिले के एक बूचड़खाने में 1500 केस मिले। जिसके बाद गुटेरश्लो व वारडोर्फ जिले में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। छह लाख आबादी वाले इस इलाके में रेस्टोरेंट तो खुलेंगे पर एक ही परिवार के लोगों को भोजन दिया जाएगा।  यहां अब तक नौ हजार से ज्यादा मौत हुई हैं।

संक्रमण की चपेट से काफी हद तक बचे रहे पुर्तगाल में कोरोना संक्रमितों के मामले दोबारा बड़ी संख्या में आने लगे हैं। जिससे यहां के लिस्बन क्षेत्र में संक्रमित इलाकों का चयन करके दुकानों को जल्दी बंद करने व अन्य प्रतिबंध लगाए गए हैं। यहां अब तक 40 हजार केस मिले हैं और 1,549 मौतें हुई हैं।

ज्यादा संक्रमित देशों में यह मॉडल लागू करना मुश्किल
साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, स्मार्ट लॉकडाउन कॉन्सेप्ट कम आबादी में संक्रमण पर ज्यादा कारगर है इस कारण इसे अमेरिका, ब्राजील, रूस व भारत में लागू करना असरकारक नहीं होगा। हालांकि भारत में कई शहरों को लॉकडाउन किया जा रहा है। अमेरिका ने भी कहा है कि वह कुछ क्षेत्रों को लॉकडाउन करेगा।

जल्दबाजी में ढील देने से बढ़ रहे नए मामले
पोलैंड, जर्मनी, स्पेन, इजरायल ने संक्रमण हल्का होते ही स्कूल, कोयला खनन, फूड प्रोडक्शन जैसी क्षेत्रों को दोबारा खोल दिया। जिस पर डब्लूएचओ ने चिंता जतायी थी। इटली, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया ने 15 जून तक यूरोपीय पर्यटकों के लिए दोबारा अपनी सीमाएं खोल दीं। हालांकि ब्रिटेन व बेल्जियम जैसे कुछ देश अभी नागरिकों को गैर जरूरी विदेश यात्राएं न करने की सलाह दे रहे हैं।

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