यूपी के इस गांव में न चोरी, नहीं कुछ खोने का डर! क्योंकि सब लोग है ऐसे…

हर जगह की यू तो अपनी एक खासियत होती है, जिसकी वजह से उसे पहचाना जाता है। किसी जगह को उसके स्वादिष्ट खाने की वजह से तो किसी को वहां की सुंदरता की वजह से जाना जाता है। लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल, इस गांव को भिखारियों के वजह से जाना जाता है। जी हां आप शायद यकीन ना करें लेकिन ये सच है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव भी है जिसकी पहचान यहां के भिखारी है। 

यह गांव यूपी के मैनपुरी जिले में है यहां सिर्फ भिखारी बसते हैं। बेवर थाना क्षेत्र के नगला दरबारी नाम के इस गांव में महज 30 परिवार रहते हैं। यहां पर आज भी लोग कच्ची मिट्टी के मकानों में रहते हैं। इनके घरों में कोई दरवाजा नहीं है। 

यहां के लोगों को न चोरी का डर है न कुछ खोने का, क्योंकि उनके पास ऐसा कुह नहीं है को चोरी किया जा सके या जिसे खोने का कुछ गम हो। बिजली-पानी, सडक़ जैसी व्यवस्थाओं से दूर यहां के लोग तंगहाली में रहते हैं। नगला दरबारी में रहने वाले लोग पीढ़ी दर पीढ़ी भीख मांगते चले आ रहे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां लोगों का पेशा सिर्फ भीख मांगना है। इसके अलावा वहां के लोग पैसो के लिए सांपो को दिखाकर भीख मांगते हैं और सांपो को वश में करने की विद्या सीखाते हैं। यह लोग सांप दिखाकर भीख मांगने के चक्कर में तिहाड़ जेल भी जा चुके हैं।

सांप को वश में करने की विद्या सीखाने के लिए गांव के लोगों ने अपनी अलग पाठशाला खोल रखी है। इस गांव में 200 से ज्यादा लोग रहते हैं और तकरीबन 100 रुपए प्रतिदिन कमा लेते हैं। यह गांव सरकार की तमाम योजनाओं की पहुंच से आज भी दूर हैं।

इस गांव के बारे में कहा जाता है कि साल 1958 में जौहरीनाथ के पिता ख्यालिनाथ परिवार के साथ इस गांव में आए थे।

जौहरीनाथ के अनुसार यहां पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं था, जिसके बाद हमने भी पैतृक काम को अपनाया और सांप पकडक़र उन्हें नचाने लगे। इससे ही हम अपना गुजरा करने लगे। हालांकि इस काम से भी कुछ गुजारा नहीं हुआ इसलिए हमने भी भीख मांगना शुरू कर दिया, अब यही हमारा पेशा बन गया है।

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