युगल ग्रैंडस्लैम की काफी बात हो गई, अब एकल के बारे में बात करेंगे: भूपति
कोलकाता
महेश भूपति का मानना है कि युगल ग्रैंडस्लैम खिताबों पर खुश होने की जगह अब समय आ गया है कि भारत एकल के बारे में बात करना शुरू करे। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में टेनिस के रोमांचक भविष्य के लिए शीर्ष 100 में देश के कम से कम 10 एकल खिलाड़ी होने चाहिए। भारत ने चार ग्रैंडस्लैम विजेता तैयार किए हैं लेकिन इन सभी ने युगल में खिताब जीते। भूपति 12 मेजर खिताब के साथ दूसरे सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी हैं। उनसे अधिक ग्रैंडस्लैम खिताब सिर्फ लिएंडर पेस (18) ने जीते हैं। भारत के डेविस कप कप्तान भूपति ने कहा कि भारत अगर और युगल ग्रैंडस्लैम खिताब जीत भी लेता है तो उसका अधिक असर नहीं पड़ेगा और बड़े टूर्नामेंट में एकल मुख्य डूा में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है।
भूपति ने कहा, ‘‘क्या आप सचमुच में चाहते हैं कि लोग युगल ग्रैंडस्लैम जीतें। हमने 30 खिताब जीते हैं। मुझे लगता है कि समय आ गया है कि हम एकल के बारे में बात करें। मुझे नहीं लगता कि अगर कोई युगल ग्रैंडस्लैम जीतता है तो कोई रोमांचित होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लिएंडर, सानिया, मैंने और रोहन ने मिलकर 30 से 35 ग्रैंडस्लैम जीते हैं। समय आ गया है कि लोग एकल ग्रैंडस्लैम के मुख्य ड्रा में जीतना शुरू करें।’’ सानिया ने छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं जबकि बोपन्ना ने 2017 में कनाडा की गैब्रिएला दाब्रोवस्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता। एकल में भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले खिलाड़ी फिलहाल प्रजनेश गुणे़श्वरन हैं जिनकी विश्व रैंकिंग 109 है। रामकुमार रामनाथन दुनिया के 131वें नंबर के खिलाड़ी हैं।
महिला एकल में अंकित रैना की विश्व रैंकिंग 203 है लेकिन पिछले हफ्ते सिंगापुर में खिताब के बाद उनके 168वें स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है। करमन कौर थंडी की विश्व रैंकिंग 205 है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी खेल का अच्छा भविष्य चाहिए तो आपको 10 से 15 खिलाड़ियों की जरूरत होती है। जैसे बैडमिंटन में 10 खिलाड़ी शीर्ष 100 में शामिल हैं। इसलिए इस खेल का भविष्य अच्छा है। भूपति ने कहा, ‘‘यहां हमारा एक लड़का शीर्ष 100 और एक लड़की शीर्ष 200 में है इसलिए भविष्य अच्छा नहीं है। प्रजनेश कुछ हफ्तों में शीर्ष 100 में जगह बना लेगा। राम शीर्ष 100 में जगह बनाने के करीब है। सिर्फ ये दो लड़के सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’ भपूति के पेस के साथ रिश्ते भले ही अच्छे नहीं हों लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पूर्व साझेदार में अब भी सफलता के लिए आग और भूख है और वह तोक्यो ओलंपिक के दावेदारों में शामिल रहेंगे।
ओलंपिक 1996 के कांस्य पदक विजेता पेस रिकार्ड सात ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एकमात्र टेनिस खिलाड़ी हें और तोक्यो 2020 तक वह 47 बरस के हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उसमें भूख है और जब वह पुणे (टाटा ओपन महाराष्ट्र) और आस्ट्रेलिया में खेला तो आप उसकी प्रेरणा देख सकते थे। मुझे लगता है कि वह निश्चित तौर पर अगले ओलंपिक में खेलेगा। भूपति ने कहा, ‘‘उसके खेलने की संभावना काफी अच्छी है। लेकिन यह रैंकिंग पर निर्भर करेगा। जिसकी रैंकिंग बेहतर होगी वह जगह बनाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं। ओलंपिक के लिए कट आफ काफी अधिक है। भूपति ने साथ ही कहा कि सानिया को भी बोपन्ना के साथ तोक्यो खेलों में मिश्रित युगल में खेलने को लक्ष्य बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी संभावना है कि सानिया इस साल के अंत तक वापसी करेगी। उम्मीद करते हैं कि सानिया और रोहन दोबारा मिश्रित युगल खेलेंगे। बेशक हम दोबारा उन्हें एक साथ देखना चाहते हैं। क्योंकि वह भारतीय टेनिस की ध्वजवाहक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले हफ्ते सानिया से मिला। मुझे पता है कि वह इसके बारे में सोच रही है। लेकिन इसके लिए पांच से छह महीने काम करना होगा। इसलिए देखते हैं क्या होता है।’’