मोबाइल चार्जर की पिन मुंह में लेने से मासूम की मौत, खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों से बचें

 बुलंदशहर
 
जहांगीराबाद में शनिवार सुबह एक ढाई साल के मासूम की मोबाइल चार्जर की पिन मुंह में लेने के कारण मौत हो गई। मोबाइल चार्जर का स्विच ऑन रहने के कारण चार्जर की पिन में करंट उतर आया, जिससे मासूम की मौत हो गई।

जहांगीराबाद नगर के मोहल्ला लोधान निवासी अहमद हुसैन की पुत्री रजिया का ढाई वर्षीय पुत्र सहवर उस समय करंट की चपेट में आ गया, जब उसने मोबाइल चार्जर की पिन मुंह में ले ली। चार्जर प्लग में लगा था। परिजन निजी चिकित्सक के पास ले गए। पर उसने रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। 

हीट लिथियम इयौन बैटरी का दुश्मन होती है। लिथियम इयौन का इस्तेमाल र्फोन में किया जाता है। ज्यादा हीट का प्रभाव पड़ने पर बैटरी फटने की संभावना रहती है। 

कुछ स्मार्टफोन में बग, मालवेयर भी मिले है, जिनकी वजह से भी मदर बोर्डपर चार्जिंग के समय अतिरिक्त दबाव बनने से वह फट जाती है।

मोबाइल चार्जर की तार कटने या चार्जर की खराब गुणवत्ता के कारण उससे करंट लग सकता है।

सस्ते मोबाइल न खरीदें, क्योंकि इनके मदरबोर्ड, चार्जर और अन्य पार्ट्स अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं होते हैं। सही तरह से काम नहीं करने से इनकी बैटरी या चार्जर के फटने का खतरा रहता है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि चार्जिंग के समय मोबाइल के मदर बोर्डपर दबाव बढ़ जाता है। इस दौरान जब हम फोन पर बात करते हैं या गेम खेलने जैसी गतिविधि करते हैं तो इस पर दबाव कई गुना बढ़ जाता है और बैटरी के फटने जैसी घटनाएं होती है। यहीं स्थिति चार्जर के साथ भी होती है।

मोबाइल और चार्जर फटने की सबसे अधिक घटनाएं चार्जिंग के समय मोबाइल इस्तेमाल करने के दौरान होती हैं।

आज स्मार्टफोन हमारी जरूरत और आदत बन गए हैं, मगर खराब गुणवत्ता वाले स्मार्टफोन व चार्जर, रखरखाव की कमी और अधिक प्रयोग के कारण ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। ओवरचार्जिंग और खराब गुणवत्ता के कारण अचानक ही स्मार्टफोन की बैटरी व चार्जर फटने या चार्जर से करंट लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सावधानी और गुणवत्ता से समझौता न कर हम इस तरह की घटनाएं रोक सकते हैं।

चार्जर में करंट आना और उससे मौत हो जाना यह साबित करता है कि हो सकता है कि चार्जर उच्च गुणवत्ता का न हो। चार्जर को बच्चों से दूर रखें और उच्च गुणवत्ता का चार्जर प्रयोग करें। -डा. अमित बिरवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर, इलेक्ट्रानिक साइंस, डीयू

फोन को जरूरत से ज्यादा चार्जन करें। निश्चित समय के लिए ही मोबाइल को चार्ज पर लगाएं।

ऐसा हमेशा होता है कि हमें जो चार्जर मिलता है, हम उसी से मोबाइल चार्ज कर लेते हैं, लेकिन यह गलत है। विशेषज्ञों का कहना है कि फोन को हमेशा उसी चार्जर से चार्ज करना चाहिए, जिस कंपनी का फोन हो। 

चार्जर लेते समय सबसे पहले ये जांच लें कि उसकी पिन ठीक है या नहीं। क्या वह आसानी से इलेक्ट्रिक प्लग में जा रहा है या नहीं ?

हमेशा अच्छी कंपनियों के ही मोबाइल या चार्जर खरीदें।साथ ही मोबाइल खराब होने पर उसे कंपनी के सर्विस सेंटर पर ही ले जाएं, ताकि उसमें अच्छे पार्ट्स लगाए जाएं।

अगर आप अपना मोबाइल चार्जकर रहे हैं तो बच्चों को उससे दूर रखें, क्योंकि चार्जकरते समय खराब गुणवत्ता वाले चार्जर या मोबाइल से उन्हें करंट भी लग सकता है।

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