मोदी सरकार 2.0: प्रधानमंत्री ने बदल दिए 40 फीसदी मंत्री, जयशंकर के नाम ने चौंकाया

 
नई दिल्‍ली 

लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथ 58 मंत्रियों ने गुरुवार शाम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्‍य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। मोदी सरकार 2.0 में प्रधानमंत्री के साथ कुल 24 कैबिनेट मंत्रियों, 9 राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। 'न्‍यू इंडिया' बनाने का वादा कर दोबारा सत्‍ता में लौटे पीएम मोदी ने अपने 40 फीसदी मंत्रियों को बदल दिया है।  

नई सरकार में शामिल जिन नाामों ने सबसे ज्‍यादा चौंकाया उनमें बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह और पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर शामिल हैं। अमित शाह बीजेपी अध्‍यक्ष के रूप में अपने ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद सरकार में आए हैं। माना जा रहा है कि उन्‍हें गृह या वित्‍त मंत्रालय दिया जा सकता है। ऐसी चर्चा है कि अमित शाह के बाद जेपी नड्डा या भूपेंद्र यादव बीजेपी के नए अध्‍यक्ष हो सकते हैं। 

40 फीसदी मंत्री नए 
भारत सरकार के पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को मोदी सरकार की कैबिनेट में जगह मिली है। इनका पूरा नाम सुब्रह्मण्यम जयशंकर है। जयशंकर अमेरिका, चीन समेत आसियान के विभिन्न देशों के साथ कई कूटनीतिक बातचीतों का हिस्सा रह चुके हैं। इन्हें मोदी के करीबी और चीन एक्सपर्ट के रूप में पहचाना जाता है। उत्‍तराखंड के वरिष्‍ठ नेता रमेश पोखरियाल भी मंत्री बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि सीएम नहीं बन पाने वाले पोखरियाल को कैबिनेट में जगह देकर उसकी भरपाई की गई है। 

मोदी सरकार ने ली शपथ
इसी तरह से झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, कर्नाटक के बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी, शिवसेना के नेता अरविंद सावंत, यूपी बीजेपी अध्‍यक्ष और पार्टी के ब्राह्मण चेहरे महेंद्र नाथ पांडे, अनुराग ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्‍थान में बड़ी भूमिका देने के लिए उनको प्रमोट किया गया है। वहीं बिहार में भूमिहार नेता गिरिराज सिंह को भी नई सरकार में प्रमोट किया गया है। 

मोदी के सपॉर्ट में चलाया कैंपेन, PMO से न्योता 
इसके अलावा जिन नए चेहरों को मोदी सरकार में जगह मिली है, उनमें नित्‍यानंद राय (बिहार), रावसाहिब पाटिल दान्‍वे, संजय शमराव धोत्रे (दोनों महाराष्‍ट्र), जी किशन रेड्डी (तेलंगाना), फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते, प्रह्लाद सिंह पटेल (दोनों मध्‍य प्रदेश), सुरेश चानबसप्‍पा अंगादी (कर्नाटक), रत्‍तन लाल कटारिया (हरियाणा), वी मुरलीधरन (केरल), रेणुका सिंह सरुता (छत्‍तीसगढ़), सोम प्रकाश (पंजाब), रामेश्‍वर तेली (असम), प्रताप चंद्र सारंगी (ओडिशा), कैलाश चौधरी (राजस्‍थान), देबश्री चौधरी (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं। 

इन्‍हें नहीं मिली जगह 
मोदी सरकार-1 के कई कैबिनेट मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं मिली है। बीजेपी के नेताओं मेनका गांधी, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया। वरिष्ठ नेता मेनका गांधी के बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि वह लोकसभा की प्रोटेम स्पीकर हो सकती हैं। कैबिनेट मंत्रियों के अलावा राज्य मंत्री रैंक के भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, महेश शर्मा, जुआल ओरम, जयंत सिन्हा, एसएस अहलुवालिया, विजय गोयल, के. अल्फोंस, रमेश जिगाजिनागी, राम कृपाल यादव, अनंत कुमार हेगडे़, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह, बीरेंद्र सिंह, अनंत गीते, हंसराज अहीर, पोन राधाकृष्‍णन, विजय गोयल, अनंत कुमार हेगड़े, पीपी चौधरी, राम कृपाल यादव और विजय सांपला को भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है। 

इन पूर्व मंत्रियों में से के. अल्फोंस चुनाव हार गए जबकि बाकी जीतकर संसद पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में पूर्व दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को भी शामिल नहीं किया गया है। सिन्हा गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। उनको बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी ने शिकस्त दी। वहीं, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और उमा भारती भी इस बार कैबिनेट में नहीं हैं। जेटली ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सरकार में शामिल न किए जाने का अनुरोध किया था जबकि स्वराज और भारती ने लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ा था। 

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