मोदी सरकार ने एफडीआई के नियमों में दी ढील, 6,270 करोड़ रुपये की गन्ना निर्यात सब्सिडी को मंजूरी
नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने तथा इसे रफ्तार देने के लिए पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए। मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रैंड रिटेल सहित कई सेक्टर्स में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों में ढील को मंजूरी दी।
केंद्र सरकार ने कोयला खनन गतिविधियों तथा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग (किसी कंपनी द्वारा किसी अन्य कंपनी के लिए उसके ब्रैंड या लेवल के तहत माल का उत्पादन करना) में 100% एफडीआई को भी मंजूरी प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कैंपेन को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में 26% एफडीआई को मंजूरी दी। यह देश में पहले केवल प्रिंट मीडिया के लिए था।
दिग्गजों रिटेलरों को होगा फायदा
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोयला खनन तथा इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के तहत 100% एफडीआई को मंजूरी दी गई है। एफडीआई पॉलिसी में बदलावों से दुनिया की कुछ दिग्गज रिटेलर कंपनियों जैसे आइकिया और एचऐंडएम को फायदा मिलने की उम्मीद जताई गई है।
30% लोकल सोर्सिंग की परिभाषा में विस्तार
सिंगल ब्रैंड रिटेलिंग में एफडीआई पर केंद्र सरकार ने अनिवार्य 30 फीसदी लोकल सोर्सिंग के नियम की परिभाषा को व्यापक कर दिया है। अब यह सिंगल ब्रैंड रिटेलर्स को ऑनलाइन बिक्री शुरू करने की मंजूरी प्रदान करता है और एक स्टोर खोलने की शर्त से छूट प्रदान करता है।
चीनी निर्यात के लिए 6,270 करोड़ की सब्सिडी
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात के लिए 6,270 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चीनी निर्यात सब्सिडी सीधे किसानों के पास जाएगी। उन्होंने यह भी कहा, 'हमने गन्ना किसानों के हितों में एक बेहद अहम फैसला लिया है। कैबिनेट ने निर्यात वर्ष 2019-20 के लिए 60 लाख टन चीनी के लिए निर्यात सब्सिडी को मंजूरी दी है।'