मोदी बोले- कोरोना बड़ा चैलेंज, पर मिलकर हरा देंगे

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनस समिट को संबोधित करते हुए कहा कि टेक्नॉलजी ने सबकुछ बदल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्थाई विकास के लिए Collaborate a create का विजन है। उन्होंने कहा कि यह जितना पुराना विजन है उतना ही प्रासंगिक है। हर युग में नए-नए चैलेंज आते हैं। इस वक्त कोरोना वायरस आर्थिक जगत के लिए भी चुनौती बना हुआ है। इससे भी हम Collaborate a create के विजन से विजय होंगे। जब हम सब मिलकर लड़ेंगे तो इस वायरस को हरा देंगे।

पीएम ने कहा कि एक वक्त था कि जब एक खास वर्ग के लोगों की ओर से किए जाने वाले अनुमान को ही फाइनल माना जाता था, लेकिन अब वक्त बदल चुका है। यह बदलाव टेक्नोलॉजी की वजह से हुई है। टेक्टनोलॉजी की वजह इस वक्त आम जनता भी मजबूती के साथ अपने आइडिया को बता पाते हैं। कई बार ये आइडिया पुराने पैटर्न से बिल्कुल विपरीत भी होते हैं।

हम जब सत्ता में आए तो लोगों की आकांक्षाओं का ख्याल रखा। पीएम ने कहा कि मैं जिस वर्ग की बात करता हूं उसकी आदत होती है 'Taking the right thing'। यानी हमेशा सही बात कहो, यह वाक्य बिल्कुल सही भी है। हालांकि ऐसे लोगों को उन लोगों से नफरत है, जो Dowing The Right Thing पर चलते हैं। इसलिए जब स्टेटस में बदलाव आता है तो ऐसे लोगों को कुछ खास तरह की खामियां दिखने लगती है। जो लोग खुद को जेंडर जस्टिस का मसीहा बताते हैं, उन्हें मेरे तीन तलाक पर कानून बनाने पर आपत्ति होती है। जो लोग शरणार्थियों के अधिकार के लिए दुनिया भर में ज्ञान परोसते रहते हैं, वे सीएए का विरोध करते हैं।

पीएम ने कहा कि जो लोग दिनभर संविधान की दुहाई देते हैं, वे अनुच्छेद 370 जैसी अस्थाई व्यवस्था को हटाने पर विरोध करते हैं। जबकि इसके हटने से जम्मू कश्मीर में पूर्ण रूप से संविधान लागू हुआ है।

पीएम ने विपक्ष का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग दिनभर न्याय की बात करते हैं, वे अपने अनुकुल सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आने पर पूरी न्याय व्यवस्था की मंशा पर ही सवाल उठा रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा रामचरित मानस में कहा गया है कि दूसरों को उपदेश देना आसान है, लेकिन स्वंय पालन करना कठिन होता है, इस वक्त यही हालत है। पीएम ने कहा कि ऐसे लोग मानते हैं कि IN action is most convenient action। लेकिन हमारे लिए राष्ट्र निर्माण, गुड गर्वनेंस ये सारी बातें सुविधा की बातें नहीं रही हैं। हमारे लिए ये निश्चय है।

पीएम ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वभाव के कैदी बन जाते हैं। ये लोग अपने मायाजाल में आनंद लेते हैं। ये लोग सत्ता में रहने का जीवन मूल्य बना लेते हैं। हमारी सरकार पुराने विचारों से मुक्ति के लिए एक-एक कदम उठा रही है।

लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाकर हमने करोड़ों रुपये गलत हाथों में जाने से बचाए हैं। ये कहना आसान है कि दिल्ली से चला एक रुपया जरूरतमंद तक पहुंचकर 15 पैसे बचता है। लेकिन कैसे पूरा एक रुपए जरूरतमंद के पास पहुंचे के लिए काम करना जरूरी है, जो हमने किया है। रेरा का कानून बनाकर हमने रीयल एस्टेट सेक्टर को कालेधन के बंधन से मुक्त किया है। मुक्ति का यह अभियान कारपोरेट सेक्टर में भी चला।

पीएम ने कहा कि मुद्रा योजना लाकर हमने बैंकों को पुरानी सोच से बाहर निकाला। इसके जरिए 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बिना बैंक गारंटी के देश के युवाओं और महिलाओं के हाथ में उनके रोजगार के लिए दिए। हमने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बनाकर सेना में बेहतर सिनर्जी और सामंज्सय को सुनिश्चित किया। पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के सामने विकास का एक मॉडल पेश कर रहा है।

पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के सामने विकास का एक मॉडल पेश कर रहा है। इकोनॉमिक हो या सोशल, आज देश परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है। बीते कुछ वर्षों में भारत ग्लोबल इकोनॉमी सिस्टम का एक और भी मजबूत अंग ना है। लेकिन अलग-अलग कारणों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियां ऐसी हैं कि ग्लोबल इकोनॉमी कमजोर और कठिन हालत में है।

 

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