मोदी कैबिनेट में जाएंगे अमित शाह या पार्टी अध्यक्ष ही बने रहेंगे?
नई दिल्ली
पिछले कई राजनीतिक घटनाक्रम में ऐसे संकेत जरूर मिले कि शायद इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह को सरकार चलाने वाली अपनी टीम में लेकर आएं. इसमें राज्यसभा सांसद होते हुए गांधीनगर से अमित शाह का चुनाव लड़ना सबसे बड़ा संकेत था, जिस गांधीनगर से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी 6 बार सांसद रहे हैं.
अमित शाह ने अगस्त 2017 में राज्यसभा सांसद के तौर पर संसद में डेब्यू किया था. इस बार गांधीनगर से उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. गांधीनगर में उन्होंने रिकॉर्ड 5 लाख 57 हजार वोट से चुनाव जीता है. उन्होंने जीत के अंतर के मामले में लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा. वह उन 12 सांसदों में एक हैं, जिन्होंने 5 लाख के अंतर से जीत हासिल की है.
अमित शाह ने गांधीनगर के जरिये एक तरह से लालकृष्ण आडवाणी की सियासी विरासत संभाल ली. ये एक बड़ा संकेत भी था कि बीजेपी अब अपनी पुरानी पीढ़ी के नेताओं से कहीं आगे बढ़ गई है. अमित शाह के पास पिछले 5 साल से बीजेपी की कमान है. वह अभी 54 साल के हैं और ऐसे में सवाल यही है कि क्या अमित शाह अब नरेंद्र मोदी सरकार में भी जिम्मेदारी संभालेंगे या फिर अब भी वह पार्टी अध्यक्ष ही बने रहने को प्राथमिकता देंगे.
क्योंकि बीजेपी के नियमों के मुताबिक एक अध्यक्ष 3 साल के दो कार्यकाल पूरे कर सकता है. अभी अमित शाह के पास बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर दूसरा पूर्ण कार्यकाल बाकी है. जनवरी 2019 में 3 साल का उनका पहला पूर्ण कार्यकाल पूरा हुआ था, लेकिन उन्हें चुनाव तक अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी.
अगर वह बीजेपी अध्यक्ष बने रहेंगे तो 2022 तक उनका कार्यकाल होगा. अगर वह मंत्री बनेंगे तो फिर किसी और को अध्यक्ष के तौर पर चुनाव करना पड़ेगा. ऐसा 2014 में हुआ था, जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री बने थे और अध्यक्ष पद छोड़ा था, तब उनका बचा हुआ 2 साल का कार्यकाल अमित शाह ने पूरा किया था. 54 साल के अमित शाह अगले चुनाव तक 59 साल के हो जाएंगे. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि उन्हें मंत्रिमंडल में जिम्मेदारी दी जाए.