मोदगिल का ध्यान 10 मीटर एयर राइफल का ओलंपिक कोटा बरकरार रखने पर

नयी दिल्ली
राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता निशानेबाज अंजुम मोदगिल को यह पता है कि सिर्फ ओलंपिक कोटा हासिल करने से तोक्यो में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में उनकी दावेदारी पक्की नहीं होगी जिसके लिए वह अपने कौशल को निखारने तथा फिटनेस स्तर में सुधार करने पर काम कर रही हैं। पिछले साल सितंबर में आईएसएसएफ विश्व चैम्पियनशिप की 10 मीटर राइफल स्पर्धा में मोदगिल ने रजत पदक हासिल किया था जबकि अपूर्वी चंदेला चौथे स्थान पर थी। इस पदक के साथ ही उन्होंने 2020 तोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था। मोदगिल का मनपसंद स्पर्धा 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन है। उन्होंने कहा कि मैंने कोटे के बारे में नहीं सोचा था, खासकर एयर प्रतियोगिता में। यह काफी अच्छा अनुभव था। मुझे अभी भी अपने सभी निशाने याद हैं। मुझे याद है, मैं अपने कोच से बोल रही थी कि मैं बहुत ंिचतित हूं। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने मुझसे कहा कि एयर स्पर्धा में जगह पक्की करना काफी मुश्किल है और विश्व चैम्पियनशिप के दौरान मैं एयर प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह लय में नहीं थी। इसलिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी। मैं कोटा बरकरार रखने पर काम करूंगी ताकि किसी को मेरी काबिलियत पर शक ना हो।

मोदगिल ने कोटा हासिल कर लिया है लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघर् एनआरएआईी खिलाड़ी का चयन अपनी नीति के हिसाब से करेगा। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और चयन ट्रायल में निशानेबाजों के कुल स्कोर पर निर्भर होगा। मोदगिल ने कहा कि पिछला साल काफी व्यस्त रहा लेकिन अब उनका पूरा ध्यान फिटनेस को अगले स्तर पर ले जाने का है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मैंने काफी यात्रा की और मैं अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं दे सकी। इस साल मैंने ऐसी योजना बनायी है कि मैं ज्यादातर समय के लिए चंडीगढ़ में रहूंगी और फिटनेस पर ध्यान दूंगी। पिछले साल 25 साल की इस खिलाड़ी ने तीन रजत पदक जीता था। उन्होंने आईएसएसएफ विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेलों में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में रजत पदक हासिल किया था जबकि विश्व चैम्पियनशिप में वह 10 मीटर एयर राइफल में उन्होंने रजत पदक जीता था।

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