मैदान में थे 438 प्रत्याशी, 380 की हो गई जमानत जब्त

भोपाल 
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे इस बार कई मायनों में चौंकाने वाले रहे. इस बार जहां नोटा का असर छोटा दिखा तो वहीं इस बार एक चीज और दिलचस्प रही, वो ये कि बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के अलावा कोई और प्रत्याशी इतने वोट भी नहीं पा सका कि वो अपनी जमानत ही बचा पाए. आलम ये है रहा कि इस बार रण में उतरे 438 प्रत्याशियों में बीजेपी कांग्रेस के 58 प्रत्याशियों को छोड़ किसी की जमानत नहीं बची.

2019 चुनाव में मोदी सुनामी में कांग्रेस का जो हुआ सो हुआ, लेकिन मैदान में उतरे कई और उम्मीदवारों को इस सुनामी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. नतीजे बताते हैं कि मोदी सुनामी का आलम ये रहा कि मैदान में उतरे 350 से ज्यादा उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.

प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कुल मिलाकर 438 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे, जिसमें 58 बीजेपी-कांग्रेस के 380 बसपा समेत अन्य पार्टियों और निर्दलीय से मैदान में दोनों पार्टियों के 58 प्रत्याशियों को छोड़ अन्य 380 की हुई जमानत जब्त हुई. बीजेपी की मानें तो इस बार मोदी लहर और विकास की आंधी मिलकर जो सुनामी आई है, उसका ही ये असर है कि उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए और कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ हो गया.

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