मैट्रिक मूल्यांकन से अनुपस्थित 23 हजार 910 परीक्षकों पर होगी कार्रवाई
पटना
मैट्रिक मूल्यांकन में अनुपस्थित रहने वाले मुख्य परीक्षक और सह परीक्षक पर अब कार्रवाई होगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मानें तो मैट्रिक मूल्यांकन की गति बहुत ही धीमी है। परीक्षक मूल्यांकन में योगदान नहीं दे रहे हैं। कई बार परीक्षकों को अपील की जा चुकी है। कई जिलों में तो स्थिति और भी खराब है। ऐसे में अब सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को मूल्यांकन में अनुपस्थित परीक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड द्वारा मैट्रिक मूल्यांकन में 39 हजार 730 मुख्य परीक्षक और सह परीक्षक लगाये गये हैं। इसमें केवल 15 हजार 820 ही अब तक योगदान दिये है। बांकी 23 हजार 910 मुख्य परीक्षक और सह परीक्षक लगाये गये है।
ज्ञात हो कि मैट्रिक मूल्यांकन छह मार्च से शुरू किया गया है। इस बीच दस और 11 मार्च को होली की छुट्टी दी गयी। लगभग 11 दिन हो गये, लेकिन मूल्यांकन की गति बहुत धीमी है। पटना जिला की बात करें तो पटना जिला मे आठ लाख उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करनी है। लेकिन अभी तक लगभग तीन लाख कॉपी की ही जांच हो पायी है। यह स्थिति लगभग जिलों की है। किशनगंज जिला एक मात्र जिला है जहां पर 246 परीक्षक और सह परीक्षक में 245 ने योगदान कर दिया है। केवल एक परीक्षक ही मूल्यांकन के बाहर है।
इन जिलों में सबसे कम है परीक्षक और सह परीक्षा दे रहे योगदान
जिला – कुल परीक्षक – अनुपस्थिति परीक्षक
मुंगेर – 1028 – 802
बेगूसराय – 1346 – 1065
भागलपुर – 1393 – 989
सहरसा – 681 – 503
मुजफ्फरपुर – 1467 – 1180
वैशाली – 1379 – 805
मधुबनी – 1369 – 890
समस्तीपुर – 1696 – 1145
भोजपुर – 1453 – 1046
रोहतास – 2091 – 1412
गया – 2057 – 1209
औरंगाबाद – 1240 – 803
पटना – 3220 – 1661
सारण – 1771 – 1123