‘मैं आतंकी नहीं’ वाली जैकेट पहनकर पहुंचा था पार्षद, निगम बैठक में हंगामा
मेरठ
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी में सियासी उबाल के बीच मेरठ में चौंकाने वाला सामने आया है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में निगम पार्षद अब्दुल गफ्फार के स्लोगन लिखी जैकेट पहनकर पार्षदों के बीच पहुंचने पर शनिवार को भारी हंगामा हुआ। शहर के लिए 654 करोड़ का बजट पास होना था, मगर सब हंगामे की भेंट चढ़ा गया।
असल में जिस जैकेट पर विवाद हुआ वह पार्षद अब्दुल गफ्फार ने 20 दिसंबर को पहनी थी। वह इस जैकेट को पहने हुए पार्षदों के कक्ष में गए थे। जैकेट के पीछे लिखा था- आईएम नॉट टेररिस्ट, बैक अप सीएए एनआरसी (मैं आतंकी नहीं हूं, नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी वापस हो)। इसी बात को लेकर बीजेपी पार्षद गुस्से में थे।
शनिवार को जैसे ही पार्षद नगर निगम की बैठक में पहुंचे, बीजेपी के पार्षदों ने पार्षद अब्दुल गफ्फार को सदन से बाहर करने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। बीजेपी पार्षद राजेश रुहेला ने कहा कि गफ्फार माफी मांगें या सदन से बाहर जाएं। इसको लेकर मुस्लिम पार्षद भी एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ नारे लगाने लगे। बीजेपी पार्षदों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय, जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए। मुस्लिम पार्षद हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए। कहीं पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे तो कुछ जगहों से हिंसा की ख़बरें भी सामने आईं। उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। हिंसक घटनाओं को देखते हुए पूरे प्रदेश में तनाव व्याप्त है।
नागरिकता कानून को लेकर 20 दिसंबर को बिजनौर में हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मृतकों के परिवारवालों से मिलने बिजनौर पहुंचीं। प्रियंका ने कहा, ये हत्याएं बहुत अजीब परिस्थितियों में हुई हैं।
प्रयागराज में जिला प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं 24 दिसंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया है।
विभिन्न जिलों में गुरुवार से चल रही हिंसा में अबतक कम-से-कम 18 लोग मारे जा चुके हैं। डीजीपी ने कहा, हिंसा की वारदातों में शामिल 879 संदिग्ध उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शन के दौरान 282 पुलिसकर्मी जख्मी हैं।
उत्तर प्रदेश के जिलों की हालत का अंदेशा राजधानी लखनऊ से भी लगाया जा सकता है। सतखंडा पुलिस चौकी फूंक दी गई, वाहनों को जला दिया गया। तमाम इंतजाम प्रदर्शकारियों की भीड़ के आगे पस्त हो गए। यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू कहते हैं, तमाम एजेंसियां कहां चली गई थीं। शासन-प्रशासन के सारे इंतजाम विफल साबित हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में हर तरफ हिंसा भड़कती गई। लखनऊ में स्थितियां बेकाबू हुईं तो सीएम योगी ऐक्शन में आए। उन्होंने कहा कि सरकारी हो या सार्वजनिक संपत्ति जो भी नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति उपद्रवियों से कराई जाएगी।
कानून व्यवस्था चरमरा उठी। कहीं प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की तो कहीं से खबर आई कि पुलिस चौकी फूंक दी गई है। प्रदर्शन के दौरान जब मौतों की खबरें आने लगीं तो योगी सरकार का टेंशन बढ़ने लगा। रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, वाराणसी, फिरोजाबाद, बिजनौर, अयोध्या, सीतापुर समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें सामने आईं।
कानपुर में शुक्रवार और शनिवार दोनों ही दिन उपद्रवियों द्वारा उत्पात मचाया गया। शुक्रवार को हलीम मुस्लिम कॉलेज से यतीम खाने की तरफ मुंह पर कपड़ा बांधे हुए भीड़ पहुंची। फिर कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पथराव शुरू कर दिया। शनिवार को तो यह स्थिति पैदा हो गई कि आरएएफ को तैनात किया गया।
यूपी में नागरिकता कानून को लेकर चौतरफा उपद्रव की ख़बरें आईं। आनन-फानन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। लखनऊ समेत 25 जिलों में तो अभी भी इंटरनेट बंद है। सरकार ने आदेश दिया है कि 23 दिसंबर तक लखनऊ के साथ-साथ 25 जिलों में इंटरनेट सुविधाएं बंद रहेंगी।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कुछ अन्य जिलों में 24 दिसंबर तक के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। तमाम घटनाओं के बाद अब यूपी पुलिस एक-एक कदम बेहद सावधानी के साथ रख रही है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा के बाद लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने इन घटनाओं के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।