मैं अपनी खुद की उम्मीदें पैदा करता हूं: सौरभ गांगुली

कोलकाता 
सौरभ गांगुली जब से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बने हैं लोगों को उनसे उम्मीदें बढ़ गई हैं। लेकिन गांगुली ने शनिवार को कहा है कि वह उन लोगों में से हैं, जो खुद अपनी उम्मीदें तय करते हैं। बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद ही गांगुली ने भारत के पहले दिन-रात टेस्ट मैच का रास्ता साफ किया। अब भारत 22 से 26 नवंबर तक बांग्लादेश के साथ ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला दिन-रात का टेस्ट मैच खेलेगा। गांगुली यहां पांच बार के ‘आईसीसी के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंपायर’ रहे साइमन टॉफेल की पुस्तक 'फाइंडिंग द गैप्स' के लोकार्पण के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात से मदद मिलती है कि मैं काफी सब्र रखने वाला इंसान हूं। यह वो चीज है, जो मैंने अपने खेलने के दिनों में सीखी थी।' 

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'मैं हर चीज के साथ सामंजस्य बैठा सकता हूं और उससे सर्वश्रेष्ठ निकाल सकता हूं। एक और चीज मैंने अपने जीवन में सीखी है वो है अपनी खुद की उम्मीदें पैदा करना। मेरी जिंदगी किसी और की उम्मीदें पर नहीं चलती।' इस मौके पर सौरभ गांगुली ने विराट कोहली से साथ डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने पर हुई चर्चा का भी जिक्र किया। गांगुली ने बताया कि विराट ने उनके इस प्रस्ताव को महज 3 सेकंड में ही स्वीकार कर लिया। भारतीय टीम ने इससे पहले पिछले साल एडिलेड ओवल में गुलाबी गेंद से खेलने का ऑस्ट्रेलिया का आग्रह नामंजूर कर दिया था। इसके अलावा वेस्ट इंडीज के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट खेलने का सुझाव भी मूर्तरूप नहीं ले पाया था। 

गांगुली ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि पूर्व में क्या हुआ और इसके क्या कारण थे लेकिन मैंने पाया कि उन्हें (कोहली) डे-नाइट टेस्ट मैच खेलना स्वीकार्य है। वह (विराट) भी मानते हैं कि टेस्ट मैचों में खाली दर्शक दीर्घा आगे बढ़ने का सही तरीका नहीं है।' बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, 'मैं जानता हूं कि टी20 में प्रत्येक स्टैंड खचाखच भरा होता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उचित प्रबंधन से दर्शकों की वापसी हो सकती है। यह भारत के लिए शुरुआत है। मेरा मानना है कि इससे टेस्ट क्रिकेट के अच्छे दिन फिर से लौट आएंगे।' 

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