मेट्रो-बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर के रास्ते की हो रही तलाश

 
नई दिल्ली 

मेट्रो और डीटीसी व क्लस्टर स्कीम की बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर की योजना पर सरकार विचार कर रही है। फिलहाल इस योजना को लागू करने में दिल्ली सरकार पर आनेवाले खर्च का आकलन किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने मेट्रो व डीटीसी के अधिकारियों से पूछा है कि अगर मेट्रो-डीटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा करवाने का फैसला लागू किया जाता है तो इससे सरकार पर कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा।  
 
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि डीएमआरसी के एमडी और डीटीसी के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग हुई है और सरकार ने अधिकारियों से पूछा है कि इस योजना को लागू कैसे किया जा सकता है और सरकार पर कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा। गहलोत ने बताया कि एक अनुमान सामने आया है कि अगर मेट्रो-डीटीसी व क्लस्टर स्कीम की बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर करवाने का फैसला लागू किया जाता है तो इसके लिए सरकार को करीब 1400 से 1500 करोड़ रुपये का सालाना खर्च उठाना पड़ेगा। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने बताया कि मेट्रो व सरकारी बसों में सफर करनेवाले यात्रियों में से करीब 30 पर्सेंट महिलाएं होती हैं। 

आनेवाले समय में होने वाली बैठकों में योजना लागू करने में आनेवाले खर्च पर तो चर्चा की ही जाएगी, साथ ही यह भी देखना होगा कि इस योजना को कैसे लागू किया जा सकता है। मेट्रो व डीटीसी भी अपनी-अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि दिल्ली मेट्रो इस योजना के लिए तैयार दिख रहा है। मेट्रो में इस योजना को लागू करने में जो खर्च आएगा, उसका भुगतान दिल्ली सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ जल्द ही कुछ और मीटिंग होगी, जिसमें सभी विभागों की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। 

गहलोत ने कहा कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। बसों में सीसीटीवी व पैनिक बटन लगाने का फैसला भी किया गया है। 

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