मुश्किल में ऑटो इंडस्ट्री: लगातार 9वें महीने बिक्री में गिरावट, सरकार से मांगी मदद
नई दिल्ली
देश की ऑटो इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है. जुलाई में एक बार फिर पैसेंजर्स व्हीकल्स की बिक्री में गिरावट आई है. यह लगातार 9वां महीना है जब पैसेंजर्स व्हीकल्स की बिक्री में सुस्ती देखने को मिली है. इन हालातों में ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की है.
पैसेंजर्स व्हीकल में 31 फीसदी की गिरावट
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जुलाई महीने में पैसेंजर्स व्हीकल की बिक्री 30.98 फीसदी कम हुई है. जुलाई 2019 में कुल 2 लाख 790 वाहनों की बिक्री हुई. जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 2 लाख 90 हजार 931 वाहन पर था. भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने बताया कि डोमेस्टिक मार्केट की बात करें तो जुलाई 2019 में कार की बिक्री 35.95 फीसदी टूटकर 1,22,956 वाहन रही.
एक साल पहले जुलाई 2018 में 1,91,979 वाहन की बिक्री हुई थी. इसी तरह मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री पिछले महीने 9,33,996 यूनिट रही. यह एक साल पहले के मुकाबल 18.88 फीसदी कम है. जुलाई में दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 15,11,692 वाहन रही. एक साल पहले यह आंकड़ा 16.82 फीसदी अधिक था. कमर्शियल वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखी गई है और यह 25.71 फीसदी घटकर 56,866 वाहन रही जो पिछले साल जुलाई में 76,545 वाहन थी.
तत्काल राहत पैकेज की जरूरत
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने इन हालातों में सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है. उन्होंने कहा, ''आंकड़ों से साफ है कि सरकार से तुरंत एक रिवाइवल पैकेज की जरूरत है. इस संकट को बढ़ने से रोकने के लिए अब तत्काल सहयोग की जरूरत है.
करीब 3.5 लाख नौकरियां गईं
बिक्री में भारी गिरावट की वजह से अप्रैल माह से अब तक ऑटो सेक्टर में करीब 3.5 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. इसे देखते हुए ऑटो सेक्टर के दिग्गजों ने जीएसटी में कटौती सहित कई तरह के प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग की है. हाल ही में वाहन उद्योग के प्रतिनिधियों महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका, मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव, हीरो मोटो के पवन मुंजाल सहित सियाम और फाडा के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. बता दें कि यह इंडस्ट्री देश के GDP में करीब 7.1 फीसदी का योगदान करता है.