मुलायम-अखिलेश को सीबीआई से मिली बड़ी राहत, संपत्ति मामले में क्लीन चिट

 नई दिल्ली
  
आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिली है। सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र पेश कर कहा कि ठोस सबूतों के अभाव में 8 अगस्त 2013 में यह मामला बंद कर दिया गया। कोर्ट यदि कोई निर्देश देता है तो एजेंसी कार्रवाई करेगी। 

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में यह शपथपत्र दायर किया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने पिछले दिनों वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी की अर्जी पर सीबीआई मामले की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई ने कहा था कि प्रथम दृष्टया केस है लेकिन 12 वर्ष बाद भी नियमित केस दर्ज क्यों नहीं किया। मामले की सुनवाई जुलाई में होगी।

मुलायम अखिलेश पर 2013 के बाद जांच नहीं
सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथपत्र में जांच एजेंसी के एसपी अजय कुमार ने बताया कि मामले में संदिग्धों के खिलाफ जांच के दौरान अपराध घटित होने के प्रथम दृष्टया सबूत नहीं मिल पाए। इसलिए इस मामले में दर्ज की गई पीई (प्रारंभिक जांच) को सीआरपीसी की धारा 154 के तहत आपराधिक केस / एफआईआर में तब्दील नहीं किया गया। इस मामले में 7 अगस्त 2013 के बाद कोई जांच नहीं की गई। यह सूचना सीवीसी को भी दे दी गई थी। .

सीबीआई ने कहा कि इस मामले में पारित किए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों/आदेशों के अनुसार इस रिपोर्ट को किसी भी स्तर पर शीर्ष अदालत या मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष नहीं रखा गया और न ही इसे याचिकाकर्ता को दिया गया। .

सीबीआई मैन्युअल 2005 के अनुसार नियमित केसों/ एफआईआर जांचों में धारा 173 के तहत कोर्ट में रिपोर्ट दायर की जाती है और इस बारे में शिकायतकर्ता को सूचित किया जाता है। लेकिन मौजूदा केस में ऐसी कोई स्थिति नहीं आई क्योंकि सबूतों के अभाव के कारण पीई को एफआईआर में तब्दील नहीं किया गया

क्या था पूरा मामला-
शपथपत्र में एजेंसी ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने चर्तुवेदी की याचिका पर 1 मार्च 2007 को उन्हें सिर्फ मुलायम, अखिलेश, प्रतीक और डिंपल यादव के खिलाफ पीई दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके साथ कहा गया था यदि जांच में केस पाया जाता है तो आगे कार्रवाई कर मामला दर्ज किया जाए। इसके बाद आरोपियों की समीक्षा याचिका में सुप्रीम कोर्ट में 2012 में डिंपल यादव के खिलाफ केस बंद करवा दिया और आदेश दिया कि बाकी के खिलाफ जांच की जाए। एजेंसी ने कहा कि लेकिन बाद में कानूनी राय लेनेऔर संपत्ति की गणना दोबारा करने पर पाया गया कि मुलायम, अखिलेश और प्रतीक की संपत्ति में कोई हेरफेरी नहीं थीं। अंतत: सीबीआई ने अगस्त 2013 में सभी संदिग्धों के खिलाफ केस बंद कर दिया।

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