मुंबई: हेयर ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी के 50 घंटे बाद शख्स की मौत

मुंबई 
मुंबई के साकी नाका निवासी 43 साल के बिजनसमैन की हेयरप्लांटेशन की सर्जरी के 50 घंटे बाद ही मौत हो गई। इस मामले से डॉक्टर और मृतक के परिजन दोनों हैरान हैं। मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से अभी यह स्पष्ट नहीं है, हालांकि डॉक्टरों को आशंका है कि शख्स की मौत गंभीर अलर्जिक ड्रग्स रिऐक्शन से हुई है। मुंबई में लॉजिस्टिक बिजनस चलाने वाले श्रवण कुमार चौधरी सांस लेने में दिक्कत के बाद शुक्रवार को पवई हीरानंदनी अस्पताल पहुंचे। उनके चेहरे और गले में सूजन थी।  

ऑन ड्यूटी डॉक्टर को लक्षण देखकर जानलेवा अलर्जिक रिऐक्शन का अंदेशा हुआ, जिसे एनाफिलैक्सिस कहते हैं। सूत्रों ने कहा कि गंभीर से वह सदमे में चले गए थे। श्रवण कुमार चौधरी के दिल की जांच के लिए एक कार्डियोलॉजिस्ट को भी बुलाया गया लेकिन शनिवार सुबह पौने सात बजे उनकी मौत हो गई। 

15 घंटे तक चली थी सर्जरी 
साकी नाका पुलिस ने जांच के दौरान पता लगाया कि ट्रांसप्लांट के दौरान श्रवण के 9500 हेयर ग्राफ्ट इम्प्लांट किए गए थे। उनकी सर्जरी चिंचपोकली अस्पताल के एक प्राइवेट अस्पताल में गुरुवार को हुई थी जो कि 15 घंटे तक चली थी। सर्जरी के बारे में श्रवण ने अपने परिवार को इस बारे में नहीं बताया था और ड्राइवर को अपने साथ अस्पताल ले गए थे। उन्होंने ट्रांसप्लांट के लिए 5 लाख रुपये खर्च किए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं जिनकी उम्र 12 से 18 साल के बीच है। 

इस मामले के सामने आने के बाद डर्मेटोलॉजिस्ट हैरान हैं। उन्होंने कहा कि हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद मौत का मामला पहले नहीं सुना है। हेयर रेस्टोरेशन सर्जन असोसिएशन के डॉ. अनिल गर्ग ने कहा, 'यह केस काफी हैरान करने वाला है और हम इसकी डीटेल देख रहे हैं।' वहीं हीरानंदनी में इलाज करने वाले फिजिशियन ने बताया कि श्रवण एनाफिलैक्टिक शॉक में हमारे पास आए थे और मुश्किल से ही कुछ बोल पा रहे थे। अक्सर पेन किलर और या ड्रग्स से इस तरह का रिऐक्शन होता है। कभी-कभार खाली पेट पेन किलर खाने से भी इस तरह की स्थिति हो सकती है।' 

मामले की जांच में जुटी पुलिस 
उन्होंने बताया कि एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत हेयर ट्रांसप्लांट मरीजों को पेनकिलर और ऐंटीबायटिक्स दी जाती हैं। वहीं चेहरे की सूजन के बारे में वह बताते हैं कि ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के समय सलाइन वाटर हेयर फॉलिकल में इंजेक्ट किया जाता है। उन्होंने कहा, 'अगर मरीज पेट के बल सोते हैं तो सैलाइन बहकर चेहरे तक आ जाता है जिससे सूजन आ जाती है।' पुलिस मामले में इस बात की जांच कर रही है कि चिंचपोकली अस्पताल और वहां के डॉक्टर इस तरह के ट्रांसप्लांट के लिए ऑथिराइडज्ड थे या नहीं। 

वहीं श्रवण का परिवार भी जवाब मांग रहा है। वह गुरुवार को सुबह 9 बजे घर से निकल गए थे और उन्होंने कहा था कि उन्हें आने में देरी हो जाएगी। श्रवण के भतीजे त्रिलोक कुमार ने कहा, 'मेरे अंकल अपने साथ ड्राइवर को लेकर गए। इतनी लंबी सर्जरी के दौरान उनके परिवार का कोई भी सदस्य वहां मौजूद नहीं था। शुक्रवार को दोपहर एक बजे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी।' साकी नाका के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐक्सिडेंटल केस का मामला दर्ज कर लिया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *