मुंबई में फंसे यूपी-बिहार के 20 हजार से भी ज्यादा लोग, अधिकांश हुए बेरोजगार 

 मुंबई 
रोजगार के लिए महाराष्ट्र में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों को कोविड-19 की वजह से देशव्यापी बंद के दौरान मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ रहा है। उनमें से ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद ज्यादातर लोगों के काम-काज बंद है जिससे उनकी रोजी-रोटी पर बन आई है। वे सभी रोजाना की कमाई पर ही निर्भर हैं।

मुंबई में पूर्वोत्तर समुदाय के प्रतिनिधि थर्मी रेखन ने बताया कि एक आकलन के मुताबिक पूर्वोत्तर राज्यों के 20,000 से ज्यादा लोग महाराष्ट्र में रहते और कमाते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा लोग मुंबई में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बंद के बाद से वह कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि मुंबई तथा महाराष्ट्र् के अन्य हिस्सों में 99 फीसदी आबादी अपनी रोजी-रोटी के लिए रोजाना की मजदूरी पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने घर भी नहीं लौट सकते हैं क्योंकि यातायात साधन बंद है। रेखन ने कहा कि इस कठिन समय में किसी भी तरह की मदद मिलने पर पूर्वोत्तर समुदाय आभारी रहेगा।

300 श्रमिकों को राजस्थान लेकर जा रहे ट्रकों को पकड़ा गया
महाराष्ट्र पुलिस ने गुरुवार को दो कंटेनर ट्रकों में ठूंसकर तेलंगाना से राजस्थान ले जाए जा रहे 300 से अधिक प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में पकड़ा है। दोनों कंटेनर ट्रकों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसमें दैनिक जरूरतों का सामान लदा है। घर लौटने के लिए ऐसे खतरनाक तरीके का चुनाव करने को देखकर अधिकारी भी चकित हैं। ये सभी श्रमिक राजस्थान जा रहे थे।

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