मुंबई: पुलिस अधिकारी ने 65 साल की बुजुर्ग महिला को 45 साल बाद उसके परिवार से मिलाया

मुंबई 
मुंबई में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला लगभग 45 साल बाद पिछले हफ्ते अपने परिवार से मिली। बुजुर्ग महिला सुंदर पाटिल और उनका परिवार इसके लिए मुंबई पुलिस अधिकारी दर्शन मुकदम का आभारी है, जिन्होंने उनकी स्थिति से आंख मूंदने के बजाय मदद करने का फैसला किया। दर्शन मुकदम ने सेंट जॉर्ज अस्पताल के बाहर जब जीर्ण-क्षीण शरीर वाली सुंदर पाटिल को खाना बीनते देखा तो उनकी आंखें भर आईं। 

हर दिन जब वह ड्यूटी पर जाते थे तो बुजुर्ग महिला को मैले-कुचैले, फटे कपड़ों में देखकर व्यथित हो जाते थे। दर्शन ने बताया, 'मैं कभी उन्हें बस स्टॉप के पास बैठा हुआ देखता था। कभी कोई उन्हें खाना दे देता था तो कभी पैसे। वह बेहद बुरी हालत में थीं। वह खुद के बारे में सेंस भी खो चुकी थीं।' दयालु हृदय वाले अधिकारी ने उनकी मदद के लिए एक एनजीओ से संपर्क किया। 

एनजीओ ने सुंदर पाटिल को सहारा दिया 
उन्होंने बताया कि वह पहले भी बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए जीवन आनंद संस्था के साथ जुड़े रह चुके हैं। दर्शन की कॉल के बाद एनजीओ के वर्कर ने सुंदर को अपनी शरण में ले लिया। उन्होंने एनजीओ के सांताक्रूज स्थित सेंटर में उन्हें रखा। उन्हें साफ-सुथरा करने के साथ खाना दिया और ट्रीटमेंट कराया गया। मेडिकल टेस्ट के बाद सामने आया कि सुंदर पाटिल कई मानसिक बीमारियों से भी पीड़ित हैं। 

एनजीओ की सदस्य प्रीति दावते ने बताया, 'दवाइयों के बाद वह बेहतर महसूस करने लगीं और काफी काउंसलिंग के बाद उन्हें उनका बीता कल याद दिलाने की कोशिश की गई। कुछ दिनों बाद सुंदर ने अपने तीन बच्चों के बारे में बताया और कहा कि वह कोलशेट पाटिलवाड़ी की रहने वाली हैं।' यहीं से एनजीओ ने उनकी लोकेशन गूगल की और उनके बच्चों का पता लगाया। 

शराबी पति से झगड़े के बाद सुंदर घर छोड़कर चली गई थीं 
एनजीओ के फाउंडर संदीप परब ने बताया कि उनके बच्चे यह खबर सुनने के बाद काफी खुश थे कि उनकी मां मिल गई। मां से मिलने के बाद उनके बच्चे और बहु काफी भावुक हो गए और रोने लगे। सुंदर के परिवार ने बताया कि कई साल पहले अपने शराबी पति से लड़ाई के बाद वह अपने दो बच्चों के साथ घर छोड़कर चली गई थीं लेकिन कल्याण स्टेशन में काफी भीड़ होने के चलते वह अपने बच्चों से बिछड़ गई। 

परिवार से मिलकर खुश हैं सुंदर 
पुलिस की मदद से बच्चे तो घर वापस चले गए लेकिन सुंदर रास्ता भटक गईं और दक्षिण मुंबई की गलियों में रहने लगीं। हालांकि आज अपने परिवार से बरसों बाद मिलकर वह खुश हैं। उनकी आंखों में तसल्ली है कि अपने जीवन का आखिरी पल वह अपने परिवार के साथ बिता पाएंगी। 

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