मिश्रा समेत 3 BJP नेताओं पर FIR के आदेश

नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में हुए उपद्रव पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वह भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। यहां आपको बता दें कि अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्री हैं, परवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद हैं । वहीं कपिल मिश्रा इस बार बीजेपी के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़े थे, हालांकि वे हार गए थे।

हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि इन नेताओं के खिलाफ पहले क्यों नहीं कार्रवाई की गई। कोर्ट ने कहा कि इस बार वे दिल्ली में 1984 के दंगे जैसे हालात नहीं बनने देंगे।

दिल्ली की हालत बेहद खराब: हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे पुलिस आयुक्त को बीजेपी के तीन नेताओं द्वारा सीएए हिंसा के सिलसिले में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की सलाह दें।

न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने कहा कि बाहर के हालात बहुत ही खराब हैं।

कोर्ट में चलाया गया बीजेपी तीनों नेताओं के भाषण का विडियो
हाई कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) राजेश देव से पूछा कि क्या उन्होंने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का विडियो क्लिप देखा है। मेहता ने दोहराया कि वह टेलीविजन नहीं देखते हैं और वे क्लिप उन्होंने नहीं देखीं हैं।
देव ने कहा कि उन्होंने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के वीडियो देखे हैं लेकिन मिश्रा का वीडियो नहीं देखा है। पुलिस अधिकारी के बयान पर न्यायमूर्ति मुरलीधर ने टिप्पणी की, ‘दिल्ली पुलिस की दशा पर मुझे वाकई में हैरानी है।’

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