जम्मू-कश्मीर पर आर्टिकल 370 समेत चार फैसलों ने हर किसी को किया हैरान

नई दिल्ली
अपने फैसलों से लगातार चौंकाती रही नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर आज के अपने फैसले से विपक्षी दलों समेत हर किसी को हैरान कर दिया। कश्मीर में जिस तरह की हलचल पिछले कुछ दिनों से जारी थी, उससे ये अंदाजा तो सबको जरूर था कि सरकार कुछ बड़ा करने वाली है, लेकिन कश्मीर पर एकसाथ सरकार चार बहुत बड़े फैसले करेगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। खुद विपक्ष के नेता भी स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने इस 'चौके' की उम्मीद तो कतई नहीं की थी। सरकार के फैसले से पहले माना जा रहा था कि शायद कश्मीर से आर्टिकल 35A को हटाने का फैसला किया जा सकता है, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर पर एकसाथ चार बड़े फैसले लेकर सभी अनुमानों को ध्वस्त करते हुए ऐतिहासिक कदम से पूरे देश को अवगत करा दिया।

शाह ने राज्यसभा में एकसाथ चार फैसले से जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। फैसला नंबर 1- जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन करने का प्रस्ताव, फैसला नंबर 2- जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव, फैसला नंबर 3-जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका के बारे में प्रस्ताव, फैसला नंबर 4-लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र होने के बारे में प्रस्ताव रखा।

नरेंद्र मोदी सरकार ने फिर चौंकाया
नरेंद्र मोदी सरकार कई मौकों पर अपने फैसले से सबको चौंकाती रही है। सरकार के आज के फैसले ने भी विपक्ष को हिलाकर रख दिया। कश्मीर में जारी हलचल के बीच पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्य में कुछ 'बड़ा' प्लान कर रही है। हालांकि, इन नेताओं में से किसी को भी यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि जम्मू-कश्मीर राज्य का ही विभाजन हो जाएगा और लद्दाख एक स्वायत्त क्षेत्र बन जाएगा।

राज्यसभा में आजाद भी हैरान नजर आए
मोदी सरकार के इस अप्रत्याशित मूव से कांग्रेस भी हैरान नजर आई। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर पर सरकार एक साथ चार फैसले लेगी, इसका अंदाजा दुनिया के बड़े से बड़े अक्लमंद को भी नहीं रहा होगा। उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर क्या, भारत क्या दुनिया क्या.. किसी भी कोने में कितना भी अक्लमंद आदमी रहा हो… कश्मीर का कितना भी बड़ा एक्सपर्ट हो, उसने भी यह अंदाजा नहीं लगाया होगा कि एक साथ चार चीजें गृह मंत्री सदन में लाएंगे, उस पर चर्चा होगी और उसी दिन पास भी करेंगे। यह 57 पन्नाों का बिल है। एक-एक पन्ने का बिल भी आता है। दो दिन पहले उसकी जानकारी दी जाती है और चर्चा होती है। यहां एक राज्य को खत्म किया जा रहा है। 29 में से एक राज्य को खत्म कर 28 किया जा रहा है।'

आर्टिकल 370 पर शाह ने दिया हर जवाब
शाह ने कहा कि 1950 और 1960 के दशकों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने इसी तरीके से अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था। ‘हमने भी यही तरीका अपनाया है।’ गृह मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद स्वयं भी जम्मू-कश्मीर से आते हैं, उन्हें चर्चा में भाग लेकर राज्य के लोगों की समस्याओं को उजागर करना चाहिए। गृह मंत्री ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामे के बीच गृह मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। ’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *