मिलेगी कामयाबी?, कोरोना के इलाज के लिए दो दवाओं को मिलाने की तैयारी

 
नई दिल्ली 

 कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक ओर वैक्सीन की खोज जारी है तो दूसरी ओर इसके सटीक इलाज की भी तलाश की जा रही है. कोरोना वायरस के इलाज को लेकर हल्की सी उम्मीद उस समय बंधी जब प्रतिष्ठित दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने दावा किया कि भारतीय नियामक संस्था डीसीजीआई के निदेशक नियंत्रण जनरल से नए तरह से इलाज करने की जरुरी मंजूरी मिल गई है.

क्लीनिकल ट्रायल के साथ आगे बढ़ने के लिए 2 एंटी-वायरल दवाओं फेविपिरवीर और उमिफेनोविर का संयोजन शामिल किया जाएगा. यह क्लीनिकल ट्रायल देशभर केअस्पतालों में भर्ती 158 मरीजों (कोविड-19 संक्रमण के साथ) पर किया जाएगा और इस इलाज के दौरान सुरक्षा और प्रभावकारिता का मूल्यांकन भी किया जाएगा. इन रोगियों को दो समूहों में बांटा जाएगा जिसमें एक समूह को तैयार किए गए दो एंटी-वायरल दवाओं का संयोजन दिया जाएगा तो दूसरे समूह को सपोर्टिव देखभाल के साथ सिर्फ फेविपिरविर ही दी जाएगी.
 

ट्रायल को लेकर क्या कहती है कंपनी?

आखिर इस ट्रायल का आधार क्या है? इस पर ग्लेनमार्क का कहना है कि फेविपिरवीर और उमिफेनोविर अलग-अलग तरह से काम करती हैं, इसलिए दो एंटी-वायरल दवाओं का संयोजन इस अर्थ में बेहतर असर दिखा सकता है कि यह कोविड-19 मरीजों के शुरुआती स्तर पर ही हाई वायरल लोड से निपट सकता है.
 

 

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