मायावती को SC से झटका, CJI बोले- हाथियों और अपनी मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाएं

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट से बीएसपी सुप्रीमो मायावती से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान बनाई गई स्मारकों और मूर्तियों का पैसा लौटाने का आदेश बीएसपी प्रमुख को दिया है। 2009 में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यह आदेश दिया। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीफ 2 अप्रैल को तय की गई। मायावती के वकील ने मामले की सुनवाई मई के बाद करने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने यह अनुरोध स्वीकार नहीं किया।

मूर्तियों पर जनता के पैसे खर्च होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 2009 में जनहित याचिका दी गई थी। लगभग 10 साल बाद इस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा, 'प्रथम दृष्टया तो बीएसपी प्रमुख को मूर्तियों पर खर्च किया गया जनता का पैसा लौटाना होगा।' चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अप्रैल की तारीख तय की जाती है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, 'अगली सुनवाई से पहले तक हमें लगता है कि बीएसपी प्रमुख मैडम मायावती को यह सारा पैसाल लौटाना चाहिए। बीएसपी सुप्रीमो को अगली सुनवाई से पहले यह रकम देने होगी।'

बता दें कि मायावती ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हाथी और अपनी कई मूर्तियां लगवाई थीं। बीएसपी प्रमुख ने कई पार्क और स्मारक भी ऐसे बनवाए थे जिसमें उनकी और हाथी की मूर्तियां थीं। इनके साथ कांशीराम और बाबा साहेब आंबेडकर की भी कई मूर्तियां उनके कार्यकाल में लगाई गईं।

उस वक्त उत्तर प्रदेश में मायावती के मूर्ति लगाने का विरोध समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों ने भी किया था। हालांकि, बदलते दौर में अब एसपी-बीएसपी की तल्खियां दूर हो गई हैं और दोनों पार्टियां गठबंधन में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं।

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