मानहानि मामला: रवि शंकर प्रसाद और शशि थरूर के बीच समझौता, वापस लेंगे केस
नई दिल्ली
मानहानि मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर और बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच समझौता हो गया है। शशि थरूर ने ट्विटर पर रविशंकर प्रसाद की ओर से उन्हें लिखे गए पत्र की कॉपी शेयर की है। ट्वीट में थरूर ने लिखा है कि उन्हें यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि रविशंकर प्रसाद के बीच मतभेद पर समझौत हो गया है।
समझौते से पहले केरल की एक अदालत ने कांग्रेस नेता एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। थरूर के वकील ने मीडिया को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंत्री को दो मई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।
थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के संदर्भ में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के लिए दिसंबर 2018 में प्रसाद के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। इससे पहले थरूर ने उन्हें 'हत्या का आरोपी' कहने के लिए विधि न्याय एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद को कानूनी नोटिस भेजकर बिना शर्त माफी मांगने को कहा था।
थरूर ने कहा था कि पुष्कर मामले में जांच पूरी हो गई है और दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट भी दायर कर दी, जिसमें उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308 और 498 ए के तहत आरोप पत्र दायर किए गए थे। थरूर ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट यह नहीं कहती है पुष्कर की मौत हत्या थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 28 अक्टूबर को प्रसाद ने सुबह पांच बजकर 38 मिनट पर ट्विटर पर अपने संवाददाता सम्मेलन का दो मिनट 18 सेकंड की एक वीडियो क्लिप जारी की थी जिसमें गलत, असत्य, दुर्भावना से प्रेरित और बेहद अपमानजनक बयान थे। थरूर ने आरोप लगाया था कि यह वीडियो उन्हें अपमानित करने के इरादे से पोस्ट किया गया था और इसमें उनके खिलाफ झूठे, गलत और निंदनीय आरोप लगाए गए कि वह हत्या के आरोपी हैं तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर हुए थे।